दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) आज मेयर का चुनाव निर्विरोध हुआ। बीजेपी प्रत्याशी शिखा राय ने अपना नाम अंतिम समय में वापस ले लिया। इसी तरह आले मोहम्मद इकबाल को उपमहापौर भी निर्विरोध चुना गया। उनके खिलाफ बीजेपी की सोनी पांडेय ने नाम वापस ले लिया। समझा जाता है कि बीजेपी ने एक रणनीति के तहत ऐसा किया है क्योंकि सदन में उसके पास बहुमत नहीं है। लेकिन बीजेपी अब स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव पर फोकस करेगी। क्योंकि एमसीडी में स्थायी समिति ही सब कुछ है। मेयर इस समिति के बिना कोई फैसला नहीं ले पाएंगी। बीजेपी कोशिश करेगी की स्थायी समिति में जगह बना ले।
यह चुनाव क्यों
शैली ओबेरॉय 22 फरवरी को एमसीडी की मेयर चुनी गई थीं। उन्होंने अपना 38 दिन का कार्यकाल 31 मार्च को पूरा किया। डीएमसी एक्ट के मुताबिक हर साल वित्तीय वर्ष की शुरुआत में 1 अप्रैल को नए मेयर का चुनाव कराया जाना अनिवार्य है।
तीन तत्कालीन निगमों के एकीकरण, परिसीमन और पिछले साल दिसंबर तक निकाय चुनावों को स्थगित करने की वजह से किसी मेयर का पिछला कार्यकाल सबसे छोटा रहा।
आज के चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की मौजूदा मेयर शैली ओबेरॉय का सामना ग्रेटर कैलाश से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पार्षद शिखा राय से था। इसी तरह, पूर्वी दिल्ली के सोनिया विहार वार्ड से आप के मौजूदा डिप्टी मेयर आले मोहम्मद इकबाल बीजेपी के सोनी पांडेय से भिड़ेंगे।
एमसीडी में सत्ताधारी पार्टी होने के नाते आप ने भरोसा जताया था कि उसके उम्मीदवार इस चुनाव में जीत दर्ज करेंगे।
महापौर और उप महापौर के लिए एमसीडी चुनाव गुप्त मतदान द्वारा होते हैं, और दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होते हैं। मेयर-डिप्टी मेयर चुनाव में 250 निर्वाचित पार्षद, 14 विधायक और 10 सांसद वोट डालते हैं। 4 दिसंबर 2022 को हुए एमसीडी चुनाव में 250 नगरपालिका वार्डों में से आप ने 134 वार्ड जीतकर स्पष्ट बहुमत पा लिया था।
एमसीडी के इतिहास में, केवल आठ महापौरों ने एक वर्ष से अधिक समय तक सेवा की है लेकिन अब शैली ओबेरॉय ऐसी नौवीं महापौर बन गई हैं।
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