राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नगर निगम यानी एमसीडी चुनाव में रविवार 4 दिसंबर को शाम 5.30 बजे तक करीब 50 फ़ीसदी मतदान हुआ। यह आंकड़ा राज्य चुनाव आयोग ने रात को जारी किया। सुबह 12 बजे तक 18 फ़ीसदी मतदान हुआ था। इससे पहले सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ। बीजेपी ने इस चुनाव में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए दमखम लगा दिया है तो आम आदमी पार्टी पहली बार इस पर कब्जा जमाने के लिए जी-जान से जुटी है। वैसे, कांग्रेस भी मैदान में है और उसको अपना खोया आधार वापस पाने की उम्मीद है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन, कांग्रेस नेता अजय माकन, अल्का लांबा जैसे नेताओं ने वोट किए। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा है कि दिल्ली के दल्लूपुरा में एक मतदान केंद्र पर मतदाता सूची से उनका नाम गायब था। हालाँकि उनकी पत्नी ने वोट किया है। 250 वार्डों में लगभग 1.5 करोड़ लोग मतदान करने के लिए पात्र हैं। 1300 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं। 7 दिसंबर को चुनाव के नतीजे आएँगे।
दिल्ली के हित में मतदान अवश्य करें! pic.twitter.com/SsyUIXNgm5
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) December 4, 2022
साफ़-स्वच्छ और सुंदर दिल्ली बनाने के लिए आज मतदान है, नगर निगम में एक भ्रष्टाचार मुक्त सरकार बनाने के लिए मतदान है।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 4, 2022
सभी दिल्लीवासियों से मेरी अपील- दिल्ली नगर निगम में एक ईमानदार और काम करने वाली सरकार बनाने के लिए आज अपना वोट डालने ज़रूर जाएँ।
आज दिल्ली एमसीडी चुनाव लड़ने वाले सभी कांग्रेस उम्मीदवारों को हमारी शुभकामनाएं।
— Delhi Congress (@INCDelhi) December 4, 2022
हम दिल्ली की जनता से आग्रह करते हैं कि आज अपने जनादेश का उपयोग करें और पूरी ताकत से मतदान करें ताकि हम 'मेरी चमकती दिल्ली' के सपने को साकार कर सकें।#कांग्रेस_वाली_दिल्ली
मुक़ाबला कड़ा है और इसलिए सुरक्षा के इंतज़ाम भी कड़े किए गए हैं। राज्य की पुलिस के क़रीब 40,000 जवान, 20,000 होमगार्ड, और अर्धसैनिक और राज्य सशस्त्र पुलिस के 8,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही 60 ड्रोन कैमरे संवेदनशील इलाकों पर नज़र रखेंगे।
इस चुनाव में आप और बीजेपी सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। दिल्ली में अपनी जमीन हासिल करने के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस 247 सीटों पर लड़ रही है। ऐसा इसलिए है कि उसके तीन उम्मीदवारों के नामांकन तकनीकी कारणों से खारिज कर दिए गए थे।
दिल्ली में इस बार मुक़ाबला काँटे का होने वाला है। बीजेपी और आप दोनों ही पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर है और भविष्य की राजनीति पर नगर निगम के चुनाव बड़ा असर डालने वाले हैं। कांग्रेस अपने जनाधार बढ़ाने की फिराक में है।
2012 के एमसीडी चुनाव में बीजेपी को 138 वार्ड में जीत मिली थी जबकि कांग्रेस को 78 वार्ड में और बसपा को 15 वार्ड में जीत मिली थी। अन्य वार्ड निर्दलीयों, एनसीपी, इंडियन नेशनल लोकदल, राष्ट्रीय लोक दल, जेडीयू, समाजवादी पार्टी व कुछ और दलों के खाते में गए थे।
2012 में बीजेपी को 36.74 फीसद वोट मिले थे जबकि कांग्रेस को 30.54 फीसद वोट मिले थे। बसपा को 9.98 फीसद और निर्दलीय व अन्य उम्मीदवारों को लगभग 23 फीसद वोट मिले थे।
2017 के एमसीडी चुनाव में बीजेपी को 181 वार्डों में जीत मिली थी जबकि आम आदमी पार्टी को 48, कांग्रेस को 30 और अन्य को 13 वार्डों पर जीत मिली थी। 2017 में बीजेपी को 36.02 फीसद, आम आदमी पार्टी को 26.21 फीसद, कांग्रेस को 21.21 फीसद, बसपा को 4.43 फीसद और निर्दलीयों और अन्य पार्टियों के उम्मीदवारों को लगभग 12 फीसद वोट मिले थे।
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