डॉक्टर सिंह को बुखार आने के बाद उनकी कोरोना जाँच कराई गई, उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया।
मनमोहन सिंह का कोरोना संक्रमित होना अधिक चिंता की बात इसलिए है कि उन्होंने टीके की दोनों खुराक़ें ले ली थी। इस अर्थशास्त्री ने 4 मार्च को पहली खुराक और 3 अप्रैल को दूसरी ली थी। इसके बावजूद उन्हें कोरोना संक्रमण हो गया।
डॉक्टर मनमोहन सिंह ने रविवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिख कर कोरोना से लड़ने के लिए उपाय सुझाए थे। लेकिन केंद्र सरकार ने उसे गंभीरता से लेने के बजाय सोमवार को सिंह पर ज़ोरदार पलटवार कर दिया और उनकी व कांग्रेस पार्टी की तीखी आलोचना की।
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मनमोहन सिंह ने यह कहा था कि सरकार को चाहिए कि वह टीका खुराकों की आपूर्ति में पारदर्शिता बरते, वह बताए कि कैसे इन टीकों की आपूर्ति की जाएगी।
मनमोहन सिंह ने सलाह दी कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह 10 प्रतिशत खुराकें आपातकालीन आपूर्ति के लिए अपने पास रखे और बाकी राज्यों के दे दे।
याद दिला दें कि पिछले साल नई दवा के रिएक्शन होने और उसके बाद बुखार होने से 87 वर्षीय सिंह को एम्स में भर्ती कराया गया था। उन्हें वहाँ कई दिनों तक रहने के बाद छुट्टी मिली थी। साल 2009 में मनमोहन सिंह की एम्स में ही कोरोनरी बाईपास सर्जरी हुई थी।
मनमोहन सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और फिलहाल राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं। वह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। वह उसके पहले नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री थे। देश में आर्थिक सुधार उन्हीं ने शुरू की थी।
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