मनीष सिसोदिया ने कहा कि मूल प्रस्ताव में राजीव गाँधी का ज़िक्र नहीं है और इसे बाद में एक विधायक ने जोड़ा है। इसलिए मूल प्रस्ताव पास हुआ है, न कि राजीव गाँधी से जुड़ी लाइन वाला प्रस्ताव।
सौरभ भारद्वाज ने इसे और साफ़ करते हुए कहा कि विधानसभा में मूल प्रस्ताव की कॉपी सभी विधायकों को दी गई ताकि उन्हें जो संशोधन कराना है उसका वे प्रस्ताव रख सकें। उन्होंने कहा कि इसी बीच सोमनाथ भारती ने राजीव गाँधी से जुड़ी लाइन जोड़ दी और जरनैल सिंह ने वही कॉपी सदन में पढ़ दी। हालाँकि भारद्वाज ने साफ़ किया कि स्पीकर के सामने मूल कॉपी थी और उसमें राजीव गाँधी का ज़िक्र ही नहीं है। ऐसे में मूल कॉपी वाला प्रस्ताव ही पास हुआ है।
‘खून की राजनीति करने वाले मुँह बंद रखें’
कांग्रेस नेता अजय माकन और बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता द्वारा आलोचना किए जाने के सवाल पर मनीष सिसोदिया ने कहा, “खून की राजनीति करने वाले लोग अपने मुँह बंद रखें। जिनके हाथ 1984 और 2002 के खून से सने हैं, वे इस मामले पर कुछ ना कहें।”
बता दें कि इस प्रस्ताव के पास होने के बाद से ही आम आदमी पार्टी को काफ़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। आप लगातार सफ़ाई जारी करने में जुटी है।
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