राउज एवेन्यू अदालत ने
शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ईडी हिरासत पांच
दिनों के लिए और बढ़ा दी। ईडी ने कोर्ट से
उनकी कस्टडी बढ़ाने की मांग की थी। जांच एजेंसी ने कोर्ट से कहा कि उसे शराब नीति
मामले में मनी लॉंड्रिंग मसले पर मनीष सिसोदिया से पूछताछ की और जरूरत है।
ईडी ने कोर्ट में कहा कि मनीष
सिसोदिया बार-बार फोन बदले जाने के सवाल नहीं दे रहे हैं। अभी तक एक आईएस अधिकारी,
आबकारी आयुक्त सहित तीन लोगों से मनीष को सामने बैठाकर पूछताछ की गई है। स ईडी ने
उनकी हिरासत बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि उसे अभी कुछ और लोगों को साथ बैठाकर मनीष
से पूछताछ करनी है।
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सिसोदिया के वकील ने फोन
के आधार पर रिमांड बढ़ाने की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि सीबीआई ने भी
अपनी रिमांड में इस बिंदु का उल्लेख किया है। सिसोदिया के वकील ने दलील दी कि ईडी
को उनकी आगे रिमांड मांगे जाने के लिए कोई ठोस कारण बताना चाहिए।
मनीष को आज ईडी द्वारा
पहले मांगी गई उमकी सात दिन की हिरासत आज खत्म हो गई थी इसलिए आज उन्हें राउज
एवेन्यु कोर्ट में पेश किया गया था।
ईडी की मांग पर अदालत ने
मनीष सिसोदिया की कस्टडी को बढ़ाते दी, लेकिन उन्हें परिवार के खर्चों और पत्नी के
इलाज के लिए क्रमशः 40,000 रुपये और 45,000
रुपये के चेक पर हस्ताक्षर करने की अनुमति भी
प्रदान की।
इससे पहले की सुनवाई में
ईडी ने कहा था कि आबकारी नीति में सिसोदिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसका
उद्देश्य निजी शराब कंपनियों को लाभ पहुंचाना है। इसके लिए सिसोदिया ने लगातार कई
फोन बदले लेकिन उनके नाम पर नहीं खरीदे गए।
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सिसोदिया के वकील ने कहा
कि सिसोदिया का कंप्यूटर पहले ही जब्त कर लिया गया था और एक एजेंसी पहले ही इसकी
जांच कर चुकी है। और दूसरी जांच एजेंसी इस पूरी प्रक्रिया को फिर से दोहराने की
कोशिश कर रही है।
सिसोदिया के वकील ने कहा
कि, 'उन्हें अपराध से हुई आय को दिखाना चाहिए और यह बताना चाहिए कि
मैं इस सब में कैसे शामिल हूं। अगर सात महीने तक जांच करते रहने के बाद वे फिर से मेरी
रिमांड मांगने के लिए अदालत आते हैं, तो अभी तक आपने क्या किया है?
26 फरवरी को मनीष सिसोदिया
को सीबीआई ने शराब पॉलिसी के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। ईडी ने बाद में उन्हें
गिरफ्तार किया था और उसी मामले के मनी लॉन्ड्रिंग पहलू में मनीष ईडी की हिरासत में
हैं।
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