आबकारी नीति को लेकर दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच घमासान बढ़ता जा रहा है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार सुबह ट्वीट कर कहा है कि उनके पास बीजेपी का संदेश आया है कि वह आम आदमी पार्टी तोड़कर उनके साथ आ जाएं तो उनके खिलाफ चल रहे सीबीआई और ईडी के सारे मुकदमे बंद हो जाएंगे।
सिसोदिया ने ट्वीट में लिखा है कि उनका भाजपा के लिए यह जवाब है कि, “मैं महाराणा प्रताप का वंशज हूं, राजपूत हूं। सिर कटा लूंगा लेकिन भ्रष्टाचारियों-षड्यंत्रकारियों के सामने झुकूंगा नहीं। मेरे ख़िलाफ़ सारे केस झूठे हैं। जो करना है कर लो।”
सिसोदिया के ट्वीट के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पत्रकारों से कहा कि मनीष सिसोदिया के पास शिक्षा विभाग के साथ ही शराब का विभाग भी है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर दिल्ली सरकार की आबकारी नीति इतनी बेहतर थी तो उसने इसे वापस क्यों लिया। उन्होंने कहा कि जांच में सब कुछ सामने आ जाएगा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि आबकारी नीति के कथित घोटाले के मामले में अरविंद केजरीवाल किंगपिन हैं और मनीष सिसोदिया नंबर वन के अभियुक्त हैं।
कुछ अहम सवाल
लेकिन यहां पर कुछ सवालों का जवाब मनीष सिसोदिया को देना चाहिए। पहला सवाल यह कि उनसे बीजेपी के किस नेता ने संपर्क किया। उन्हें बीजेपी का संदेश कैसे मिला, उन्हें क्या कोई वॉट्स एप या टेक्स्ट मैसेज भेजा गया था। अगर उन्हें कोई संदेश बीजेपी की ओर से भेजा गया है तो वह इसे सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहे हैं। वह बीजेपी के उस नेता का नाम क्यों नहीं बता रहे हैं, जिसने उन्हें संदेश भेजा है।
क्या जेल जाएंगे मनीष सिसोदिया?
बीजेपी और कांग्रेस के द्वारा आबकारी नीते के मामले में केजरीवाल सरकार को घेरने के बाद जब सीबीआई की टीम उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर पहुंची थी तो सवाल यही खड़ा हुआ था कि क्या अब सिसोदिया के गिरफ्तार होने की बारी है।
शनिवार को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिसोदिया ने कहा था कि अगले दो-चार दिन में केंद्रीय जांच एजेंसियां उन्हें गिरफ्तार कर सकती हैं। अरविंद केजरीवाल इस बात को कह चुके हैं कि सत्येंद्र जैन के जेल जाने के बाद मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया जाएगा।
‘कोई घोटाला नहीं हुआ’
मनीष सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली सरकार की जिस आबकारी नीति को लेकर विवाद हो रहा है, वह सबसे अच्छी आबकारी नीति थी और दिल्ली सरकार उस आबकारी नीति को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से लागू कर रही थी। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली के तत्कालीन उप राज्यपाल ने 48 घंटे पहले उस आबकारी नीति को फेल करने की साजिश के तहत अपना फैसला नहीं बदला होता तो दिल्ली सरकार को इस आबकारी नीति से कम से कम 10000 करोड़ रुपये हर साल मिलते। उन्होंने कहा कि नई आबकारी नीति में किसी तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ था।
आबकारी नीति को लिया था वापस
यहां बताना होगा कि दिल्ली सरकार ने पिछले साल नवंबर में नई आबकारी नीति को लोगों के सामने रखा था लेकिन इस पर अच्छा खासा विवाद होने के बाद इसे इस साल 30 जुलाई को वापस ले लिया गया था। दिल्ली बीजेपी के नेताओं का कहना है कि नई आबकारी नीति के जरिए केजरीवाल सरकार ने शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाया और शराब लाइसेंसधारियों का 144 करोड़ रुपए माफ कर दिया।अरोड़ा, नायर देश छोड़कर क्यों भागे: बीजेपी
बीजेपी ने पूछा है कि जब से नई आबकारी नीति के खिलाफ सीबीआई की जांच शुरू हुई है तब से दिनेश अरोड़ा देश छोड़कर फरार है और उसने इंस्टाग्राम पर मनीष सिसोदिया के साथ जो फोटो लगाई थी वह भी डिलीट कर दी है। उन्होंने कहा कि विजय नायर भी देश छोड़कर भाग चुका है।बीजेपी ने कहा है कि विजय नायर और दिनेश अरोड़ा अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के लिए कैश कलेक्शन का काम करते थे।
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