दिल्ली में लॉकडाउन फिर से एक हफ़्ते के लिए बढ़ा दिया गया है, लेकिन इसके साथ ही क़रीब 40 दिन बाद पहली बार प्रतिबंधों में कुछ ढील दी गई है। सोमवार को समाप्त होने वाला लॉकडाउन अब 7 जून तक रहेगा। हालाँकि दिल्ली सरकार ने विनिर्माण और निर्माण व्यवसायों को शर्तों के साथ काम फिर से शुरू करने की अनुमति दी है। जो कंपनियाँ काम शुरू करेंगी उन्हें सख्ती से कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना होगा और शिफ़्टों में काम करना होगा। कर्मचारियों की समय समय पर कोरोना की जाँच भी की जाएगी।
देश में इस भयावह दूसरी लहर शुरू होने के बाद राजधानी में पहली बार 19 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया गया था। यह पहले 26 अप्रैल तक के लिए था, जिसे एक सप्ताह के लिए बढ़ाया गया था। तीन मई की सुबह ख़त्म होने वाले लॉकडाउन की मियाद एक सप्ताह के लिए फिर से बढ़ाई गई थी। इसके बाद 17 मई को इसकी मियाद ख़त्म होने से पहले फिर से लॉकडाउन को एक हफ़्ते के लिए बढ़ाया गया था। लेकिन 24 मई को फिर से इसे बढ़ाकर 31 मई तक के लिए कर दिया गया था।
तब पिछले हफ़्ते ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के संकेत दिए थे। केजरीवाल ने कहा था कि कोरोना संक्रमण के मामले कम होते रहे तो 31 मई से लॉकडाउन हटाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा था कि अब लहर स्पष्ट रूप से कमज़ोर हो रही है।
प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब शनिवार को 24 घंटे में एक हज़ार से भी कम पॉजिटिव केस आए हैं और 956 मामले दर्ज किए गए हैं। ये दो महीने में सबसे कम मामले हैं। इससे पहले 22 मार्च को 888 मामले दर्ज किए गए थे।
पॉजिटिविटी रेट भी गिरकर 1.19 फ़ीसदी आ गई है। पहले यह 36 फ़ीसदी तक पहुँच गई थी।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि एक दिन में क़रीब 900 मामले लंबे समय के बाद सामने आए हैं और 'मुझे उम्मीद है कि जैसे-जैसे आने वाले हफ्तों में मामले कम होंगे, हम आगे भी अनलॉक करना जारी रखेंगे। हम चाहते हैं कि आर्थिक गतिविधियां फिर से शुरू हों ताकि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जा सके।'
केजरीवाल ने पिछले हफ़्ते कहा था, 'हमें नहीं पता कि यह लहर कब तक चलेगी। लेकिन एक महीने के भीतर दिल्ली के लोगों ने सहयोग किया। दिल्ली ने एक परिवार की तरह वायरस से लड़ाई लड़ी है... तब भी जब ऑक्सीजन की आपात स्थिति थी... अब टीके की कमी की गंभीर समस्या है। लेकिन मुझे विश्वास है कि हम इसका भी समाधान निकाल लेंगे।'
एक समय दिल्ली में तेजी से संक्रमण के कारण अस्पताल की व्यवस्था कम पड़ गई थी। अस्पताल बेड, ऑक्सीजन, दवाएँ आदि सभी कम पड़ गई थीं। मृतकों की संख्या भी इतनी बढ़ गई थी कि श्मशानों और कब्रिस्तानों में शवों की कतार लग गई थी। लेकिन संक्रमण के मामले कम होने पर अब वैसी स्थिति नहीं है। दिल्ली में स्थिति काबू में आती दिख रही है।
बता दें कि देश भर में संक्रमण के मामले कम आने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को 24 घंटों में संक्रमण के 1,73,790 मामले सामने आए थे और 3,617 लोगों की मौत हुई थी। संक्रमण के मामलों का यह आंकड़ा बीते 45 दिनों में सबसे कम है। एक्टिव मामलों का आंकड़ा भी तेज़ी से गिरा है और अभी 22,28,724 एक्टिव मामले हैं। देश में अब तक 3,22,512 लोगों की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण से हो चुकी है।
माना जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप अब कम हो रहा है।
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