ईडी के आरोपपत्र में चार व्यक्तियों और एक कंपनी को आरोपी के रूप में नामित किया गया है - डीजेबी के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा, ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल, एनबीसीसी के पूर्व महाप्रबंधक डीके मित्तल, तेजिंदर सिंह और एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड।
ईडी ने आरोप लगाया है कि डीजेबी द्वारा जारी एक कॉन्ट्रैक्ट के जरिए भ्रष्टाचार से मिला रिश्वत का पैसा दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को चुनावी फंड के रूप में दिया गया था। एजेंसी ने मामले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी बुलाया था, लेकिन वह उसके सामने पेश नहीं हुए।
केजरीवाल को कथित शराब घोटाले में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने फरवरी में जांच के तहत केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार, आप के राज्यसभा सांसद और कोषाध्यक्ष एन डी गुप्ता, पूर्व डीजेबी सदस्य शलभ कुमार, चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज मंगल और कुछ अन्य के परिसरों पर छापेमारी की थी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एफआईआर में अरोड़ा पर एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये की कुल लागत के लिए डीजेबी अनुबंध देने का आरोप लगाया गया है, इस तथ्य के बावजूद कि कंपनी तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती थी। ईडी ने मामले का आधार इसी को बनाया है।
अपनी राय बतायें