प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ बैठक की तो उसमें विवाद हो गया। मुद्दा उठा था ऑक्सीज़न की कमी का। केजरीवाल ने मुद्दा उठाया और उन्होंने प्रधानमंत्री से ऑक्सीजन आपूर्ति में कई राज्यों द्वारा बाधा डाले जाने के मामले को लेकर सवाल किया। यह टीवी पर लाइव था। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने टोका और चर्चा को लाइव करने के लिए नाराज़गी जताई तो केजरीवाल ने माफी मांगी। इसके बाद सूत्रों के हवाले से ख़बर आई कि केंद्र सरकार ने इस मामले में केजरीवाल पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। जब विवाद गहराया तो मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस पर खेद जताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को ही कोरोना के हालात पर आज की बैठक को लेकर घोषणा की थी। जब आज सुबह बैठक शुरू हुई तो अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने प्रधानमंत्री से सुझाव माँगे। यह सुझाव जाहिर तौर पर विरोधी दल को चुभने वाला था। केजरीवाल ने दिल्ली में ऑक्सीजन की भारी किल्लत का हवाला देते हुए कहा, 'अगर यहाँ ऑक्सीजन पैदा करने वाला प्लांट नहीं है तो क्या दिल्ली के लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिलेगी? कृपया सुझाव दें कि जब दिल्ली के लिए एक ऑक्सीजन टैंकर को दूसरे राज्य में रोका जाता है तो केंद्र सरकार में मुझे किससे बात करनी चाहिए।'
हाल ही में ऑक्सीजन वाले टैंकरों को कथित तौर पर हरियाणा और उत्तर प्रदेश में रोके जाने के संदर्भ में उन्होंने कहा, 'पीएम सर, कृपया, राज्य के मुख्यमंत्री को एक फोन कॉल करें जहाँ अधिकतम ऑक्सीजन ले जाने वाले टैंकरों को रोका जा रहा है ताकि ऑक्सीजन दिल्ली तक पहुँच सके।'
इस विवाद के बीच केंद्र सरकार को गुरुवार को आदेश जारी करना पड़ा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में ऑक्सीजन ले जाने वाले वाहनों के मुक्त अंतर-राज्यीय आवाजाही की अनुमति दी गई है। आदेश में कहा गया है, 'राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के सिर्फ़ अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सीमित करने के लिए ऑक्सीजन निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।'
आज की बैठक में केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे दिल्ली के अस्पतालों में कमी को हल करने के लिए पश्चिम बंगाल और ओडिशा से ऑक्सीजन के मंगाने की सुविधा प्रदान करें।
इस पूरे मामले को लेकर केंद्र की तरफ़ से केजरीवाल सरकार पर राजनीति करने वाला आरोप लगा।
'एएनआई' के अनुसार सरकारी सूत्रों ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने कोरोना पर प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्रियों की कॉन्फ़्रेंस का इस्तेमाल राजनीति करने के लिए किया। सरकार के सूत्रों ने कहा, 'केजरीवाल निचले स्तर तक गिर गए हैं। पहली बार सीएम के साथ पीएम की मुलाक़ात की निजी बातचीत को टेलीविजन पर दिखाया गया। उनका पूरा भाषण किसी समाधान के लिए नहीं था, बल्कि राजनीति खेलने और ज़िम्मेदारी से बचने के लिए था।'
यह भी आरोप लगाया गया कि केजरीवाल ने ऑक्सीजन मंगाने का मुद्दा उठाया, लेकिन वह यह नहीं जानते थे कि यह पहले से ही किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है, 'उन्होंने रेलवे द्वारा जारी ऑक्सीजन एक्सप्रेस के बारे में बात की थी, लेकिन रेलवे सूत्रों का कहना है कि उन्होंने इसके बारे में रेलवे को कुछ भी नहीं बताया है।'
प्रधानमंत्री मोदी के साथ चर्चा को टेलीविज़न पर लाइव किए जाने के केंद्र के इस आरोप पर दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय ने सफ़ाई दी है। इसने कहा है कि आज, मुख्यमंत्री के संबोधन को लाइव साझा किया गया क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से कभी कोई निर्देश, लिखित या मौखिक नहीं आया है कि उक्त बातचीत को लाइव साझा नहीं किया जा सकता है।' इसके साथ ही इसने यह भी कहा है कि गोपनीय बातचीत नहीं होने व आम लोगों से जुड़े मुद्दे होने पर कई बार बातचीत को लाइव किया गया है। हालाँकि इसने कहा है कि यदि इससे कोई असुविधा हुई है तो उन्हें इसके लिए ख़ेद है।
बता दें कि मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन उत्पादन करने वालों के साथ में बैठक की।
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