बाहरी दिल्ली के कंझावला इलाके में युवती की मौत के मामले में नयी जानकारी सामने आई है। एक नए सीसीटीवी फुटेज से सामने आई तस्वीरों से पता चला है कि हादसे के दौरान पीड़िता की दोस्त भी स्कूटी में उसके साथ थी। उसे मामूली चोटें आई हैं।
हादसे के बाद पीड़िता की दोस्त अपने घर चली गई और हैरानी की बात है कि उसने पुलिस को इस बारे में जानकारी नहीं दी।
दिल्ली पुलिस ने पीड़िता जिस रास्ते से गई थी, उस रास्ते के सभी सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो यह बात सामने आई कि स्कूटी में उसके साथ उसकी दोस्त भी थी। पुलिस ने उसकी दोस्त का बयान दर्ज कर लिया है और माना जा रहा है कि अब इस मामले में कुछ और अहम जानकारी पुलिस को मिल सकती है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त से रिपोर्ट तलब की है।
ताजा सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि रात 1:45 पर पीड़िता और उसकी दोस्त होटल से निकलती हैं। वे होटल में नए साल की पार्टी करने गई थीं। पीड़िता की दोस्त ने पुलिस को बताया है कि पहले स्कूटी वह चला रही थी लेकिन बाद में पीड़िता स्कूटी चलाने लगी और होटल से निकलने के कुछ देर बाद ही रात 2 बजे के आसपास यह दर्दनाक हादसा हो गया।
जिसमें कार से स्कूटी की टक्कर होने के बाद कार में बैठे रईसजादों ने युवती को 10 से 12 किलोमीटर तक घसीटा और इसमें युवती की जान चली गई। उसकी उम्र 20 साल थी।
पी रखी थी शराब
पुलिस की एफआईआर से पता चला है कि इस मामले के मुख्य अभियुक्त ने स्वीकार किया है कि उसने शराब पी थी। यह कार दीपक खन्ना और अमित खन्ना ने अपने दोस्त आशुतोष से ली थी। आशुतोष ने पुलिस को बताया है कि उसके दोस्त दीपक और अमित शनिवार शाम को 7 बजे उससे कार ले गए थे और सुबह 5 बजे उसके घर पर इसे छोड़ गए।
हादसे के बाद जब पुलिस आशुतोष के घर पर पहुंची तो उसने दीपक और अमित को फोन किया। पूछताछ में दीपक ने पुलिस को बताया कि कार मनोज मित्तल चला रहा था और वह उसके बगल वाली सीट पर बैठा था। जबकि मिथुन, कृष्ण और अमित पीछे वाली सीट पर बैठे थे। उन दोनों ने आशुतोष को बताया कि उन्होंने शराब पी हुई थी और इस दौरान कृष्ण विहार इलाके में एक स्कूटी से कार की टक्कर हो गई।
स्कूटी से टक्कर होने के बाद जब वे कंझावला रोड पर जोंती गांव के पास पहुंचे तो उन्हें कार में युवती के फंसे होने का पता चला। एफआईआर में अभियुक्तों ने कहा है कि वे डर गए और युवती को वहीं फेंककर फरार हो गए। इसके बाद आशुतोष के घर पहुंचे और कार खड़ी कर दी।
पुलिस को दुर्घटनाग्रस्त स्थिति में स्कूटी भी मिली है।
अभियुक्तों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, लापरवाही से गाड़ी चलाने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस मामले में दिल्ली पुलिस के आयुक्त से बात की है और उन्हें हर पहलू से जांच करने के लिए कहा है।
कैसे चला घटना का पता?
रविवार तड़के 3:30 बजे किसी ने कंझावला पुलिस को फोन कर बताया कि कुतुबगढ़ की ओर जा रही एक बेलेनो कार एक युवती को घसीटते हुए ले जा रही है। फोन करने वाले ने पुलिस को कार का रजिस्ट्रेशन नंबर भी बताया। इसके बाद पुलिस को एक और सूचना मिली कि एक युवती का शव नग्न अवस्था में रोड के किनारे पड़ा है। पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और उसने सुबूत इकट्ठा किए और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
यहां सवाल यह है कि देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगर लड़कियों के साथ इस तरह की वारदात हो रही है तो देश के बाकी हिस्सों में क्या हाल होगा। यह घटना दिल्ली की कानून व्यवस्था पर ढेरों सवाल खड़े करती है।
राजनीतिक माहौल गर्म
इस मामले को लेकर दिल्ली का राजनीतिक माहौल भी गर्म है। दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि इस मामले में एक अभियुक्त मनोज मित्तल बीजेपी का नेता है और इसलिए उपराज्यपाल और दिल्ली पुलिस लीपापोती कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने कहा कि पुलिस मामले को रफा-दफा करने के लिए कमजोर धाराएं लगा रही है।
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उपराज्यपाल के इस्तीफे की मांग को लेकर सोमवार को उपराज्यपाल के आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया था। आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मार्लेना ने कहा कि दिल्ली में बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं और कानून और व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है इसलिए उपराज्यपाल अगर दिल्ली की बेटियों को सुरक्षा नहीं दे सकते तो उन्हें अपनी कुर्सी छोड़ देनी चाहिए।
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