loader

आयरलैंड से फ़ेसबुक के कॉल से मुंबई में एक शख्स को आत्महत्या के प्रयास से बचाया

मुंबई में एक शख़्स आत्महत्या के प्रयास में था, लेकिन हज़ारों किलोमीटर दूर यूरोप के देश आयरलैंड में फ़ेसबुक मुख्यालय से एक फ़ोन कॉल ने उस शख्स को ऐसा करने से बचा लिया। लेकिन यह इतना आसान भी नहीं था। उस 25 वर्षीय शख्स का पूरा परिवार दिल्ली में था और वह अकेला मुंबई में। मोबाइल फ़ोन पत्नी के नाम पर दिल्ली के पते पर था तो वह परेशान शख्स फ़ोन पर बात तक नहीं कर रहा था। ऐसे में लोकेशन का पता लगाना आसान नहीं था और उस शख्स को ग़लत क़दम उठाने से रोकने लिए समय पर पहुँचना भी। कैसे हुआ यह सब, यह कम चौंकाने वाला नहीं है।

वह शख्स परेशान था। लॉकडाउन में ठीक कमाई नहीं हो रही थी, कोरोना का खौफ था और पत्नी से झगड़ा भी हो गया था। दो हफ़्ते पहले ही वह दिल्ली से मुंबई गया था। परेशान होकर शनिवार शाम को फ़ेसबुक लाइव पर उसने कई वीडियो पोस्ट किये जिसमें वह आत्महत्या का प्रयास करना चाह रहा था। आयरलैंड में फ़ेसबुक कार्यालय में बैठे कर्मियों को आत्महत्या की गतिविधि का पता चला तो उन्होंने दिल्ली साइबर सेल को फ़ोन किया।

ताज़ा ख़बरें

'द इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार, दिल्ली साइबर सेल के डीसीपी अन्येश रॉय ने कहा कि उनके पास शनिवार रात क़रीब आठ बजे आयरलैंड से फ़ोन आया। उन्होंने कहा, 'यह एक फ़ेसबुक अधिकारी का था, जिन्होंने कहा कि उन्होंने दिल्ली निवासी के एक एकाउंट पर आत्महत्या की गतिविधि की पहचान की। आधिकारिक तौर पर आईपी लॉग, फ़ेसबुक अकाउंट, यूजर के वीडियो और अकाउंट के साथ रजिस्टर्ड फ़ोन नंबर दिया। हमने तुरंत नंबर ट्रैक करना शुरू कर दिया... ऐसे मामलों में, समय महत्वपूर्ण है।'

मोबाइल दिल्ली के मंडावली के पते पर

रिपोर्ट के अनुसार पुलिस अधिकारी ने कहा कि फ़ोन का पता पूर्वी दिल्ली के मंडावली क्षेत्र का था। उनके अनुसार नजदीकी मधु विहार थाने से थानाधिकारी जब उस पता पर पहुँचे तो वहाँ एक महिला मिलीं। महिला ने आत्महत्या के वीडियो के बारे में किसी जानकारी से इनकार किया। हालाँकि महिला ने कहा कि वह नंबर उनके नाम पर है, लेकिन उसका इस्तेमाल उनके पति कर रहे थे। महिला ने यह भी बताया कि उनसे झगड़े के बाद वह दो हफ़्ते पहले ही मुंबई चले गए हैं। महिला ने मुंबई में उनके ठहरने के पते के बारे में जानकारी होने से इनकार किया। 

इसके बाद क़रीब साढ़े नौ बजे मुंबई साइबर क्राइम की डीसीपी डॉ. रश्मी कारंडीकर को इस मामले की जानकारी दी गई। अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, रश्मी कारंडीकर ने कहा कि जब भी पुलिस ने या उनकी पत्नी ने उस शख्स के मोबाइल नंबर पर फ़ोन किया तो या तो नंबर बंद आ रहा था या फिर फ़ोन को रिसीव नहीं किया जा रहा था। 

दिल्ली से और ख़बरें

पत्नी से भावुक मैसेज भिजवाए

मुंबई में स्थानीय इंस्पेक्टर प्रमोद खोपीकर को पता ढूँढने के लिए लगाया गया। जब फ़ोन का जवाब नहीं आया तो उस महिला को कोई भावनात्मक वाइस मैसेज, अपने बच्चे की तसवीर भेजने को कहा गया। यह भी कहा गया कि जैसे ही मैसेज देखने पर ब्लू टिक नज़र आए तो उन्हें सूचित करें। 

रात क़रीब साढ़े ग्यारह बजे जब मैसेज देखने का ब्लू टिक दिखा तो महिला को पुलिस को भी कॉन्फ़्रेंस पर रखने को कहा गया और लंबी बातचीत करने को कहा गया। इसी बातचीत में वह शख्स लगातार आत्महत्या करने की बात करता रहा और यह भी कहा कि वह पहले ही दो बार प्रयास कर चुका है। 

खोपीकर ने कहा कि इस बातचीत के बीच ही पुलिस ने मोबाइल की लोकेशन भयंदर ट्रेस कर ली। तुरंत ही पुलिस टीम को भेजा गया। रात क़रीब 3 बजे पुलिस उस 25 वर्षीय शख्स तक पहुँच गया। पुलिस का कहना है कि उनको काउंसलिंग दी जा रही है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें