दिल्ली के शाहीन बाग में कुछ हिन्दू संगठनों ने रविवार दोपहर वहाँ चल रहे धरना प्रदर्शन के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की। कुछ लोगों ने वहाँ जाकर आपत्तिजनक और भड़काऊ नारे लगाए और वहाँ धरने पर बैठी महिलाओं से चले जाने को कहा। इन लोगों ने वहाँ तैनात पुलिस वालों से कहा कि वे यह जगह तुरन्त खाली कराएँ क्योंकि धरने की वजह से लोगों को आवाजाही में दिक्क़त होती है।
बता दें कि लगभग 50 दिन से शाहीन बाग में सैकड़ों की तादाद में महिलाएँ धरने पर बैठी हुई हैं। वे नागरिकता संशोधन क़ानून वापस लेने की माँग कर रही हैं।
याद दिला दें कि कल इसी शाहीन बाग के पास कपिल गुर्जर नामक एक शख़्स ने
हवा में तीन बार गोलियाँ दागी थीं और ‘जयश्री राम’ के नारे लगाए थे। उन्होंने चिल्ला कर कहा था, ‘हमारे देश में सिर्फ हिन्दुओं की चलेगी।’ मौके पर तैनात पुलिस ने उसे उसी समय गिरफ़्तार कर लिया था।
इसके दो दिन पहले शाहीन बाग से कुछ दूर स्थित जामिया मिल्लिया इसलामिया के बाहर एक नाबालिग़ ने गोली चलाई थी और ‘पुलिस जिंदाबाद’ के नारे लगाए थे। अपने फ़ेसबुक पोस्ट पर उसने ख़ुद को बजरंग दल का कार्यकर्ता बताया था। उसे गिरफ़्तार कर लिया गया था।
कुछ दिन पहले हिन्दू सेना ने सोशल मीडिया पर कहा था कि वह 2 फ़रवरी को शाहीन बाग का इलाक़ा खाली करा देगी। शाहीन बाग की महिलाओं ने इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा था कि 'वे दक्षिणपंथी ताक़तों की इस तरह की धमकियों से डरने वाली नहीं हैं।'
बाद में हिन्दू सेना ने अपना यह कार्यक्रम रद्द कर दिया। ‘द वायर’ ने कहा है कि हिन्दू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता ने एक प्रेस बयान में कहा है कि वे यह कार्यक्रम रद्द कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के दक्षिण-पूर्व के उपायुक्त चिन्मय बिस्वाल और दूसरे आला अफ़सरों से मुलाक़ात और बातचीत के बाद क़ानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है।
धरने के ख़िलाफ़ धरना
इसके पहले दिन में 20-25 प्रदर्शनकारी यकायक शाहीन बाग पहुँच गए और वहाँ धरने पर बैठी महिलाओं के ख़िलाफ़ नारेबाजी करते हुए ख़ुद सड़क पर बैठ गए। इन्होंने नोएडा-कालिंदी कुंज सड़क को खोलने की माँग की और कहा कि जब तक वह जगह खाली नहीं कराई जाती, वे वहाँ से नहीं हटेंगे।
इनमें से कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें नौकरी में दिक्क़त होती थी, कई लोगों की नौकरी चली गई है। उनका यह भी कहना था कि बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं, दुकान व्यवसाय ठप पड़ा है। ऐसे में इन लोगों को वहाँ से हटाना और वह जगह खाली कराना ज़रूरी है।
बाद में वहाँ कुछ और लोग आ गए। इनमें कुछ महिलाएं भी हैं। इन सभी लोगों की माँग है कि नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही महिलाओं को वहाँ से हटाया जाए और रास्ता खोला जाए। इलाक़े में अतिरिक्त पुलिस जवानों को भेज दिया गया है।
अपनी राय बतायें