दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा है कि आम आदमी पार्टी के 5 नेता दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ की गई मानहानि वाली पोस्ट को हटा लें। बताना होगा कि आम आदमी पार्टी बीते कुछ दिनों में एलजी पर जोरदार ढंग से हमलावर रही है। पार्टी का कहना है कि एलजी पर तमाम गंभीर आरोप लगे हैं और उन्हें खुद ही इनकी जांच के लिए आगे आना चाहिए।
बताना होगा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उपराज्यपाल पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग का चेयरमैन रहते हुए भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए हैं। इसे लेकर आम आदमी पार्टी के विधायकों ने कुछ दिन पहले दिल्ली की विधानसभा में रात भर धरना भी दिया था।
आम आदमी पार्टी का कहना है कि जब देश नोटबंदी के दौरान लाइनों में लगा था तब उपराज्यपाल सक्सेना काले धन को सफेद बनाने में लगे थे और उस दौरान वह खादी और ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन के पद पर थे।
आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल पर अपनी बेटी को नियमों के खिलाफ जाकर मुंबई में खादी लाउंज के इंटीरियर डिजाइनिंग का ठेका दिलाने का मामला भी उठाया है।
खादी आयोग के मामले में आरोप लगाए जाने के बाद उपराज्यपाल ने आम आदमी पार्टी के पांच नेताओं को कानूनी नोटिस भेजा था। इन नेताओं में संजय सिंह, आतिशी सिंह, दुर्गेश पाठक, सौरभ भारद्वाज और जैस्मीन शाह शामिल हैं। नोटिस में कहा गया था कि आम आदमी पार्टी के इन सभी नेताओं ने उपराज्यपाल के खिलाफ अपमानजनक और मानहानि करने वाले आरोप लगाए हैं। एलजी ने कहा था कि उनके और उनके परिवार के खिलाफ लगाए गए तमाम तरह के आरोप पूरी तरह झूठे हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि यह सभी नेता कथित खादी घोटाले के मामले में एलजी विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ की गई विवादित सोशल मीडिया पोस्ट को हटा लें। अदालत ने आम आदमी पार्टी के विधायकों को इस बात का निर्देश दिया है कि जब तक अदालत में यह मामला चल रहा है तब तक एलजी के खिलाफ किसी तरह की टिप्पणी ना करें।
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