चुनाव आयोग ने मंगलवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस प्रियंका द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में कथित तौर पर दिए गये असत्यापित और गलत बयान देने के आरोप को लेकर दिया गया है।
चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को भी इसी तरह का नोटिस जारी किया है। आम आदमी पार्टी को यह नोटिस अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पीएम के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों के कारण जारी किया गया है।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए कि चुनाव आयोग ने प्रियंका गांधी से गुरुवार रात 8 बजे तक अपने बयान पर स्पष्टीकरण देने को कहा है।
भाजपा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है प्रियंका गांधी ने हाल ही में मध्य प्रदेश में एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ "झूठे" और "अप्रमाणित" बयान दिए थे।
भाजपा ने अपनी शिकायत में कहा है कि प्रियंका ने निराधार और झूठा दावा करते हुए आरोप लगाया था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण कर दिया है।
भाजपा ने 10 नवंबर को शिकायत की थी
एनडीटीवी की रिपोर्ट कहती है कि आम आदमी पार्टी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। पार्टी को गुरुवार तक आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के आरोप का जवाब देने के लिए कहा गया है।
भाजपा ने 10 नवंबर को चुनाव आयोग आप की शिकायत की थी। इसमें भाजपा ने कहा था कि आप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पीएम मोदी को निशाना बनाते हुए बेहद अस्वीकार्य" और "अनैतिक" वीडियो क्लिप और टिप्पणियां पोस्ट की थी। भाजपा ने आप के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और पार्टी नेता ओम पाठक सहित भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से संपर्क किया था।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा है कि अपने आधिकारिक हैंडल से, आप ने एक्स पर एक वीडियो और दो पोस्ट किए हैं जिसमें उसने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार के प्रमुख के बारे में बहुत ही अस्वीकार्य, निंदनीय, शरारती और अनैतिक बातें कही हैं।
आप को भेजे अपने नोटिस में, चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक को एक अन्य राष्ट्रीय स्टार प्रचारक के खिलाफ कथित सोशल मीडिया पोस्ट में दिए गए बयानों,आरोपों,कथनों पर स्पष्टीकरण देंने के लिए कहा है।
नोटिस में चुनाव आयोग ने पूछा है कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए आपके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
चुनाव आयोग ने इस नोटिस में कहा है कि निर्धारित समय के भीतर आपकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने की स्थिति में, यह माना जाएगा कि आपको इस मामले में कुछ भी नहीं कहना है और चुनाव आयोग आपसे कोई और संदर्भ लिए बिना मामले में उचित कार्रवाई या निर्णय लेगा।
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