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ED का केजरीवाल को 7वां समन, CBI ने बंद लिफाफे में शराब नीति पर रिपोर्ट सौंपी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 7वां समन जारी किया है। आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो को सोमवार 26 फरवरी को केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पिछले छह समन को "अवैध" बताते हुए पेश होने से इनकार कर दिया था।

19 फरवरी के पिछले छठे समन को नजरअंदाज करते हुए केजरीवाल ने कहा था कि मामला अब अदालत के पास है और जांच एजेंसी को इंतजार करना चाहिए। लेकिन जांच एजेंसी ने सातवां समन उन्हें भेज दिया। आप ने पहले कहा, "ईडी ने खुद अदालत का दरवाजा खटखटाया। बार-बार समन भेजने के बजाय ईडी को अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए।"  

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अदालत ने केजरीवाल को 17 फरवरी को पेश होने के लिए बुलाया था। हालांकि, विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया का हवाला देते हुए वह उपस्थित नहीं हुए। अदालत ने उन्हें 16 मार्च को खुद पेश होने की इजाजत दे दी। जांच एजेंसी ने इससे पहले पांच समन 14 फरवरी, 2 फरवरी, 18 जनवरी, 3 जनवरी, 22 दिसंबर 2023 और 2 नवंबर 2023 को जारी किए थे। ईडी दिल्ली शराब नीति 2021-22 मामले में नीति को लेकर केजरीवाल का बयान दर्ज करना चाहता है। हालांकि वो शराब नीति दिल्ली सरकार खारिज कर चुकी है। आप और केजरीवाल ने सभी आरोपों का खंडन भी बार-बार किया है।

ईडी दरअसल, दिल्ली शराब नीति को अंतिम रूप देने से पहले हुई बैठकों और रिश्वतखोरी के आरोपों जैसे मुद्दों पर केजरीवाल का बयान दर्ज करना चाहता है। एजेंसी का दावा है कि आप ने 2022 में गोवा में अपने विधानसभा चुनाव अभियान के हिस्से के रूप में इसी नीति के जरिए मिली 45 करोड़ रुपये की रिश्वत का इस्तेमाल किया। केजरीवाल यह कहते रहे हैं कि जांच एजेंसी की कार्रवाई "अवैध" है। उन्होंने कहा कि वो सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनका आरोप है कि एजेंसी का इरादा उन्हें गिरफ्तार करना और चुनाव प्रचार करने से रोकना है। आप का यह भी आरोप है कि केंद्र सरकार अपनी एजेंसियों के जरिए पार्टी पर हमला करने की कोशिश कर रही है।

सीबीआई के बंद लिफाफे में क्या है

दिल्ली एक्साइज पॉलिसी सीबीआई केस में सीबीआई ने सीलबंद लिफाफे में जांच की स्टेटस रिपोर्ट राउज एवन्यू कोर्ट में दाखिल की। कोर्ट ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि वह जांच के विवरण का खुलासा नहीं कर सकता। कोर्ट ने मामले को 12 मार्च के लिए लिस्ट कर दिया है। इसी मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की  न्यायिक हिरासत भी अगली तारीख तक बढ़ा दी गई है।

दिल्ली अदालत ने 5 फरवरी  को सीबीआई को रद्द हो चुकी दिल्ली शराब नीति को बनाने और लागू करने में कथित अनियमितताओं की चल रही जांच पर अगले दो सप्ताह के भीतर एक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट सीलबंद कवर में दाखिल करने का निर्देश दिया था। उसी रिपोर्ट को सीबीआई ने गुरुवार को दाखिल किया है।

अदालत ने सीबीआई से यह स्टेटस रिपोर्ट तब मांगी, जब विशेष जज एमके नागपाल ने सीबीआई की एक रिपोर्ट पर ध्यान दिया, जिसमें कहा गया था कि अदालत के समक्ष दायर तीन आरोपपत्रों में नामित 16 आरोपियों से जुड़ी जांच पूरी हो गई है और अदालत आरोप तय करने पर दलीलें सुनने के लिए आगे बढ़ सकती है।
हालाँकि, बचाव पक्ष के वकीलों ने स्थिति रिपोर्ट पर आपत्ति जताई और कहा कि गवाहों के बयान अभी भी दर्ज किए जा रहे हैं और इसका इस्तेमाल उनके मामले पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए आरोप-पत्र दायर किए गए लोगों के खिलाफ किया जा सकता है।

आरोपी चनप्रीत सिंह की ओर से पेश वकील चिराग मदान ने कहा, "हम अपनी दलीलें पेश करना शुरू कर सकते हैं और फिर किसी भी कमी को पूरा करने के लिए, सीबीआई आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 173 (8) के तहत एक रिपोर्ट दाखिल कर सकती है।"

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यह मामला दिल्ली सरकार की रद्द की जा चुकी नई शराब नीति से संबंधित है। इसके जरिए केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के शराब व्यवसाय को पुनर्जीवित करने और व्यापारियों के लिए बिक्री आधारित व्यवस्था को लाइसेंस शुल्क-आधारित व्यवस्था में बदलने का मकसद बताया था। इस नीति में शराब की खरीद पर छूट और ऑफर भी पेश किए गए थे। दिल्ली में ऐसा पहली बार हुआ था। लेकिन इस नीति को लेकर भाजपा ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इस मामले की जांच का आदेश दिया था। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया इसी मामले में इस समय जेल में हैं। आप का पूर्व प्रवक्ता विजय नायर और अन्य नेता भी जेल में हैं।

उपराज्यपाल ने जैसे ही इसकी जांच का आदेश दिया, केजरीवाल सरकार ने नई शराब नीति को वापस ले लिया और पुरानी शराब नीति को फिर से लागू कर दिया। उसी समय से दिल्ली में पुरानी शराब नीति चल रही है।
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क़मर वहीद नक़वी
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