दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन का पालन न करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ईडी की याचिका पर बुधवार को सुनवाई की।
कोर्ट ने बुधवार शाम 4 बजे तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अगर कोर्ट ने केजरीवाल को पेश होने का निर्देश दिया तो आम आदमी पार्टी के सामने कई मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी। क्योंकि वो आरोप लगा रही है कि सरकार केजरीवाल को गिरफ्तार करना चाहती है।
कथित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में जारी समन का पालन नहीं करने पर जांच एजेंसी ने 3 फरवरी को केजरीवाल के खिलाफ अदालत का रुख किया था। जिस पर अदालत ने 7 फरवरी को सुनवाई की।
ईडी इस मामले में मुख्यमंत्री को अब तक पांच बार तलब कर चुकी है। ईडी ने शिकायत अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा के समक्ष दायर की ती। सुनवाई के दौरान, सरकारी वकील ने अदालत को सूचित किया कि किसी और दलील की जरूरत नहीं है।
केजरीवाल पिछले चार महीनों में पांच समनों के बावजूद केंद्रीय जांच एजेंसी के सामने पेश होने में नाकाम रहे हैं। उन्होंने ईडी के समनों को अवैध बताया है।
केजरीवाल ने पहले भी ईडी को एक पत्र लिखकर समन को "अवैध और राजनीति से प्रेरित" बताया था। उन्होंने आरोप लगाया कि उनका उद्देश्य उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोकना था।
इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केजरीवाल सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं। आप की मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा- "ईडी ने कल (मंगलवार) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीएस बिभव कुमार और आप सांसद एनडी गुप्ता के आवासों पर क्रमशः 16 घंटे और 18 घंटे तक छापेमारी की। यह कोई छापेमारी नहीं बल्कि 'नौटंकी' थी। छापेमारी क्यों की गई, इसकी कोई जानकारी नहीं है। अधिकारियों ने इन दोनों के घरों से कुछ भी जब्त नहीं किया।'' आम आदमी पार्टी की ओर से आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा- ED जैसी बड़ी एजेंसी, जनता का इतना पैसा जाता है, और खबरें प्लांट करवाने के लिए सूत्रों का इस्तेमाल?
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