loader

दिल्ली हिंसा- कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा पर केस दर्ज हो: हाई कोर्ट

दिल्ली हिंसा और इस पर पुलिस के रवैये पर हाई कोर्ट ने सख्त नाराज़गी जताई है। कोर्ट की यह नाराज़गी बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के नफ़रत वाले भाषण को लेकर भी थी। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि कपिल मिश्रा के उस भाषण वाले वीडियो की जाँच हो जिसके बाद हिंसा भड़की। हिंसा में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से ज़्यादा घायल हैं। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच ने तुषार मेहता से यह भी कहा कि वह पुलिस कमिश्नर को सलाह दें कि बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर, प्रवेश सिंह वर्मा और कपिल मिश्रा के कथित नफ़रत वाले बयान पर एफ़आईआर दर्ज की जाए। 

हम एक और 1984 नहीं होने दे सकते हैं: हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने तो यहाँ तक कह दिया कि हम इस देश में एक और 1984 नहीं होने दे सकते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि कम से कम इस कोर्ट के रहते तो ऐसा नहीं हो सकता है। अदालत ने 1984 का ज़िक्र इसलिए किया है क्योंकि 1984 सिख विरोधी दंगे के लिए जाना जाता है जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे। दिल्ली हिंसा में डर के माहौल के बीच अदालत ने यह भी कहा कि यही वह समय है जब यह दिखाया जाए कि 'ज़ेड' सिक्योरिटी हरेक के लिए है। कोर्ट ने हिंसा में मारे गए आईबी के अधिकारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। 

ताज़ा ख़बरें

सुनवाई के दौरान कपिल मिश्रा के वीडियो को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से अजीब तर्क दिया गया। पुलिस ने कहा कि उसने कपिल मिश्रा के भाषण को नहीं देखा है। इस पर कोर्ट की बेंच ने कहा, 'दिल्ली पुलिस में ऐसी स्थिति को देखकर मैं वास्तव में स्तब्ध हूँ।' सॉलिसिटर जनरल की तरफ़ देखकर कोर्ट ने कहा, 'हमें लगता है कि पुलिस कमिश्नर के कार्यालय में ज़रूर टीवी होगा। उनसे कहिए कि इस क्लिप को देखें।' 

हाई कोर्ट ने अदालत में ही सभी के सामने कपिल मिश्रा के भाषण वाले वीडियो को चलाकर देखा। इसने कहा कि हमने कुछ नेताओं के खुलेआम नफ़रत देने वाले सभी वीडियो देखे हैं और वे हर न्यूज़ चैनल पर हैं। 

इससे पहले कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की तीखी आलोचना की थी और कहा था कि उसे कोर्ट के आदेश का इंतज़ार नहीं करना चाहिए और अपने स्तर पर ही कार्रवाई करनी चाहिए। 

जाफ़राबाद में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ सड़क पर किये जा रहे प्रदर्शन के विरोध में रविवार को बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने अपने समर्थकों के साथ वहाँ नागरिकता क़ानून के समर्थन में रैली निकाली थी। तब दो पक्षों के बीच झड़प हुई थी। इस दौरान मिश्रा ने वीडियो जारी किया और फिर प्रदर्शनकारियों को धमकी भी दी थी। इस वीडियो में दिख रहा है कि एक पुलिस अफ़सर के बगल में खड़े हैं और कपिल मिश्रा धमकी देते हैं। वह पुलिस अफ़सर से कहते हैं, '...आप सबके (समर्थक) बिहाफ़ पर यह बात कह रहा हूँ, ट्रंप के जाने तक तो हम शांति से जा रहे हैं लेकिन उसके बाद हम आपकी भी नहीं सुनेंगे यदि रास्ते खाली नहीं हुए तो... ठीक है?'

दिल्ली से और ख़बरें
भड़काऊ नारा दिल्ली चुनाव के दौरान बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी लगाया था। तब उन्होंने चुनावी रैली में नारा लगाया था- 'देश के गद्दारों को...' इस पर भीड़ ने '...गोली मारो... को' बोलकर इस नारे को पूरा किया था। प्रवेश वर्मा ने नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ में प्रदर्शन करने वालों के बारे में कहा था कि 'ये लोग घरों में घुसेंगे और बहन व बेटियों का रेप करेंगे।' इन्होंने यह बयान तब दिया था जब दिल्ली में चुनाव का माहौल था। तब उनके बयान की काफ़ी आलोचना हुई थी। उस दौरान चुनाव आयोग ने भी उन पर मामूली कार्रवाई करते हुए उनके प्रचार करने पर कुछ समय के लिए रोक लगाई थी। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें