दिल्ली में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार सुबह मौजपुर और ब्रह्मपुरी में पत्थरबाज़ी और आगजनी की घटनाएँ हुईं थी। करावल नगर में भी प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। मंगलवार दोपहर को भजनपुरा चौक पर फिर से पत्थरबाज़ी की घटना हुई है। शाम को एक बार फिर उपद्रवियों ने चांदबाग में आगजनी की लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग करके उन्हें खदेड़ दिया। स्थिति पर नियंत्रण के लिए भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।
हिंसा की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि सोमवार की हिंसा के बाद से 10 लोगों की मौत हो गई है और क़रीब 150 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में एक पुलिसकर्मी भी शामिल है। सोमवार को हिंसा के दौरान घायल डीसीपी आईसीयू में भर्ती हैं। शाहदरा डीसीपी अमित शर्मा सोमवार को हिंसा में घायल हो गए थे। रिपोर्ट है कि डॉक्टरों ने उन्हें अब ख़तरे से बाहर बताया है।पाँच गाड़ियों में आगजनी की घटना हुई है। माना जा रहा था कि अब पुलिस के सक्रिय होने और रैपिड एक्शन फ़ोर्स की तैनाती के बाद हिंसा को रोकने में सफलता मिलेगी। लेकिन रिपोर्टें आ रही हैं कि आगजनी और पथराव की घटनाएँ अभी भी हो रही हैं। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली फ़ायर डायरेक्टर का कहना है कि उन्हें सुबह 3 बजे से आगजनी के 45 कॉल आ चुके हैं, तीन फायरमैन भी घायल हो गए हैं। दमकल की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया है।
बढ़ती हिंसा को देखते हुए जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकुलपुरी, जौहरी एन्क्लेव और शिव विहार मेट्रो स्टेशन बंद हैं। मेट्रो ट्रेन केवल वेलकम स्टेशन तक ही जाएगी। इधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अर्जेंट मीटिंग बुलाई है। इसमें हिंसा प्रभावित इलाकों के सभी विधायक और अधिकारी शामिल होंगे।
इससे पहले दिल्ली के हालातों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देर रात आपात बैठक बुलाई। यह बैठक 10 बजे तक चली जिसमें दिल्ली के हालातों पर तुरंत काबू के लिए विचार-विमर्श हुआ। माना जा रहा है कि गृह मंत्री को इस मामले में इसलिए दखल देना पड़ा है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप भारत की यात्रा पर आए हुए हैं और आज यानी मंगलवार को वह दिल्ली में ही हैं। यहाँ उनके प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक है। ऐसे में दिल्ली की हिंसा सरकार के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन गई है।
बता दें कि टकराव रविवार को तब शुरू हुआ जब जाफराबाद में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों और नागरिकता क़ानून के समर्थन में रैली निकालने वाले आमने-सामने आ गए। सीएए के समर्थक चाहते थे कि विरोध करने वाले लोग अपन प्रदर्शन ख़त्म कर सड़क को खाली कर दें।
सड़क पर बैठ कर किया जा रहा यह प्रदर्शन रविवार को तब तक शांतिपूर्ण था जब तक कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने प्रदर्शनकारियों के विरोध में वहाँ नागरिकता क़ानून के समर्थन में रैली नहीं निकाली थी। मिश्रा ने अपने समर्थकों के साथ जब रैली निकाली तो उस दौरान नागरिकता क़ानून का विरोध करने वालों के साथ झड़प हुई। दोनों ओर से पथरबाज़ी हुई। मिश्रा ने वीडियो जारी किया और फिर प्रदर्शनकारियों को धमकी भी दी। यह सब पुलिस के सामने हुआ।
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