रोहिणी ज़िला अदालत में गुरुवार सुबह कोर्ट रूम नंबर 102 के अंदर कम तीव्रता वाला विस्फोट हो गया। इसमें एक कांस्टेबल घायल हो गया है। हालाँकि अधिकारियों ने कहा है कि यह विस्फोट निम्न स्तर का था, लेकिन फर्श का एक छोटा हिस्सा धंस गया। अदालत की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। दो महीने पहले ही वहाँ फायरिंग की घटना हुई थी। दिल्ली के रोहिणी ज़िला अदालत परिसर में आख़िर एक के बाद एक ऐसी घटनाएँ क्यों हो रही हैं?
दो महीने पहले जब रोहिणी कोर्ट में फायरिंग की वारदात हुई थी तो कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठे थे। दरअसल, फायरिंग की वह घटना भी काफ़ी बड़ी थी।
तब फायरिंग गैंगस्टरों ने की थी। इसके बाद पुलिस से बदमाशों की मुठभेड़ हो गई थी। उसमें तीन लोग मारे गए थे। मारे गए लोगों में से दो हमलावर थे। पहले हमलावरों ने एक गैंगस्टर पर पेशी के दौरान फ़ायरिंग की थी और फिर बाद में पुलिस ने हमलावरों को मार गिराया था।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के हवाले से ख़बर आई कि हमलावर वकीलों के भेष में अदालत परिसर में घुसे थे। पुलिस द्वारा सुनवाई के लिए गैंगस्टर जितेंद्र मान 'गोगी' को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट लाए जाने के दौरान हमलावरों ने उस पर गोलियाँ चला दीं। गोगी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन पुलिस ने कहा है कि बाद में गोगी की भी मौत हो गई। इस पूरे घटनाक्रम ने दिल्ली में सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए।
अब रोहिणी की ही अदालत में विस्फोट हुआ है। दमकल विभाग के अनुसार, उन्हें सुबह करीब 10.40 बजे फोन आया कि रोहिणी कोर्ट के अंदर एक विस्फोट हुआ है।
अधिकारी ने कहा कि हमने तुरंत दमकल की सात गाड़ियां मौक़े पर भेजीं और सुबह करीब 11.10 बजे हमारे बचाव दल ने हमें बताया कि एक व्यक्ति घायल हो गया है।
डीसीपी (रोहिणी ज़िला) प्रणव तायल ने 'द इंडियन एक्सप्रेस' को बताया, 'हमने विस्फोट के सही कारण का पता लगाने के लिए एफएसएल विशेषज्ञों को बुलाया है।'
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने कहा, 'रोहिणी कोर्ट परिसर में सुबह करीब साढ़े दस बजे एक लैपटॉप बैग में मामूली विस्फोट की घटना हुई। मौके की घेराबंदी कर दी गई है। फोरेंसिक और एनएसजी की टीमें इसकी जांच कर रही हैं।'
घायल की पहचान सुल्तानपुरी थाने में तैनात कांस्टेबल राजीव कुमार के रूप में हुई है। उन्हें इलाज के लिए बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया।
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