सरकार उखाड़ने के लिए दंगे!
पुलिस ने दंगों की चार्ज शीट में कहा है, “2019 के चुनावों का नतीजा जिस दिन निकला उसी दिन से दंगों के साजिश कर्ताओं का हाव भाव बदला हुआ था और उनमें हिंसा का समर्थन करने की प्रवृत्ति दिखने लगी थी।”“
'इस मामले में हथियार, पेट्रोल बम वगैरह का इस्तेमाल कर पुलिस कर्मियों को घायल किया गया या उनकी हत्या कर दी गई...इसका मक़सद राज्य और केंद्र सरकार को डराना था और सीएए व एनआरसी को वापस लेने के लिए बाध्य करना था।'
दिल्ली दंगों की चार्ज शीट का हिस्सा
हास्यास्पद व्याख्या
आपको यह हास्यास्पद लग सकता है, पर दिल्ली पुलिस ने चार्ज शीट में इसकी वजह बताई है, इसकी व्याख्या की है। इसने कहा है, 'लूटपाट, आगजनी और हिंसा के बल पर 50 से ज़्यादा लोगों की हत्या और 500 से अधिक लोगों को घायल करना और बड़े पैमाने पर सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करना निश्चित तौर पर आतंकवादी गतिविधियों के तहत आता है।'रिसर्च स्कॉलर या आतंकवादी?
कौन हैं वे लोग, इस पर एक नज़र डालते हैं। चार्ज शीट में जिन 15 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है उनमें हैं आम आदमी पार्टी के कौंसिलर ताहिर हुसैन, पिंजड़ा तोड़ की देवांगना कलिता, नताशा नरवाल, दिल्ली विश्वविद्यालय की गुलफिशा, जामिया मिलिया के पीएचडी छात्र मीरान हैदर और जामिया कोऑर्डिनेशन कमिटी की सफ़ूरा जरगर। ये सभी लोग वे हैं, जिन्होंने सीएए और एनआरसी का विरोध किया था। ताहिर हुसैन को छोड़ सभी छात्र, पीएचडी स्कॉलर या बौद्धिक काम से जुड़े हुए लोग हैं। पर दिल्ली पुलिस की नज़र में वे आतंकवादी हैं।क्या कहा था कपिल मिश्रा ने?
लेकिन 23 फरवरी को सोशल मीडिया पर चले एक वीडियो में साफ दिखता है कि कपिल मिश्रा ने मौजपुर में एक सीएए-समर्थक रैली में भाषण दिया। उनके बगल में डीसीपी (नॉर्थ) वेद प्रकाश सूर्य खड़े हैं और मिश्रा कह रहे हैं, 'वे प्रदर्शकारी दिल्ली में उप्रदव करना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने रास्ता बंद कर दिया है। इसलिए उन्होंने दंगे जैसी स्थिति पैदा कर दी है हमने पत्थर नहीं फेंका है।' वह आगे कहते हैं,“
'मेरे बगल में डीसीपी खड़े हैं और मैं आपकी ओर से कह देना चाहता हूं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप भारत में हैं, हम शांत हैं। इसके बाद यदि रास्ता नहीं खुला तो हम आपकी बात नहीं सुनेंगे, हमें सड़क पर उतरना ही होगा।'
कपिल मिश्रा, नेता, बीजेपी
कपिल मिश्रा ने 23 फरवरी को ट्वीट कर कहा था, 'दिल्ली पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम दे रहा हूं...जफ़राबाद और चाँद बाग को खाली कराओ, इसके बाद हम तुम्हारी बात नहीं सुनेंगे, सिर्फ तीन दिन।'
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