दिल्ली में अपने-अपने घरों में
क्वरेन्टाइन में रह रहे 176 लोगों के ख़िलाफ़ पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज़ की है। उन पर आरोप है कि उन्होंने क्वरेन्टाइन दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया है और उस दौरान घर से बाहर निकले हैं। पुलिस का कहना है कि इन लोगों के मोबाइल फ़ोन से यह पता चला है कि वे घर से बाहर निकले हैं।
केजरीवाल सरकार ने दिए नंबर
दिल्ली सरकार ने होम
क्वरेन्टाइन में रह रहे 25 हज़ार लोगों के मोबाइल फ़ोन नंबर दिल्ली पुलिस को दिए हैं।
दिल्ली सरकार ने राजधानी के 15 थानों को उनके इलाक़ों में रहने वाले इन लोगों के फ़ोन नंबर दिए हैं। पुलिस इन लोगों के फ़ोन नंबर के ज़रिए उनकी गतिविधियों पर नज़र रखी हुई है।
पुलिस अफ़सर इन फ़ोन नंबरों को ट्रैक कर रहे हैं और औचक निरीक्षण भी कर रहे हैं। ऐसे ही एक निरीक्षण में पाया गया कि उत्तर पश्चिम दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक व्यक्ति शाम को टहलने निकल गया, जबकि उसे घर पर ही रहना था। उसके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर दी गई है।
मामला दर्ज
इसी तरह साउथ कैम्पस में एक आदमी मॉर्निंग वॉक पर निकल गया, जबकि उसे ऐसा नहीं करना था। उसके ख़िलाफ़ धारा 269 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसके तहत ख़तरनाक छुआछूत का रोग फैलाने का आरोप लगता है। उस पर धारा 270 भी लगाया गया है, जिसके तहत आरोप लगाया गया है कि उसने ऐसा काम किया है जिससे रोग फैल सकता है। इसके अलावा धारा 88 के तहत शासनादेश उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।
इस तरह के मामलों में सबसे अधिक 35 एफ़आईआर द्वारका थाने में दर्ज है। इसके अलावा बाहरी दिल्ली में 34, दक्षिण पश्चिम में 31, दक्षिण पूर्व में 27, मध्य दिल्ली में 13 और उत्तर पश्चिम दिल्ली में 12 मामले दर्ज हैं।
फ़ोन ट्रैक कर क्वरेन्टाइन सुनिश्चित करने की शुरुआत दक्षिण कोरिया और सिंगापुर में हुई। इसे देखते हुए दिल्ली के लेफ़्टीनेंट गवर्नर अनिल बैजल और मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया कि 25,429 लोगों के मोबाइल फ़ोन को ट्रैक किया जाए।
हर पुलिस थाने में इस काम के लिए अलग से लोग लगाए गए हैं, एक डीसीपी इस पर निगरानी रखता है। यदि किसी पुलिस वाले को क्वरेन्टाइन का उल्लंघन लगता है तो वह या तो संबंधित व्यक्ति को फ़ोन पर चेतावनी देता है या कोई अफ़सर ख़ुद वहाँ जाकर देखता है।
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