नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में सुनवाई करते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस में पेशेवर रवैये की कमी है। अदालत ने पुलिस की खिंचाई भी की है। अदालत ने कहा कि अमेरिका में नेताओं को अभद्र बयान देने के कारण गिरफ़्तार कर लिया जाता है। दिल्ली में हिंसा के लिये बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के भड़काऊ बयानों को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। अदालत के बयान का मतलब साफ़ है कि दिल्ली में हिंसा के लिये भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर कार्रवाई होनी चाहिए।
पिछले तीन दिनों से दिल्ली हिंसा की चपेट में है। जाफ़राबाद-मौजपुर से लेकर भजनपुरा और करावल नगर में लगातार हिंसा हो रही है। हिंसा में अब तक 20 लोगों की जान जा चुकी है और 250 से ज़्यादा लोग घायल हैं। दंगाइयों पर क़ाबू पाने के लिये देखते ही गोली मारने के आदेश दिये गये हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने ख़ुद स्थिति का जायजा लेने के लिए मंगलवार रात को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। पुलिस की 67 कंपनियों को हिंसा प्रभावित इलाक़ों में तैनात किया गया है।
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