दिल्ली में विधायकों को तनख्वाह और भत्ते मिलाकर हर महीने 90 हज़ार रुपए मिलेंगे। केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के इस संबंध में भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से यह मंजूरी 7 साल बाद दी गई है।
अब दिल्ली विधानसभा का एक सत्र बुलाया जाएगा और उसमें इससे जुड़े प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी देकर इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
आम आदमी पार्टी का कहना था कि दिल्ली में विधायकों को पूरे देश में सबसे कम तनख्वाह मिलती है। वर्तमान में दिल्ली में विधायकों की को हर महीने 12000 रुपए तनख्वाह मिलती है और सारे भत्ते मिलाकर उन्हें हर महीने 54000 रुपए मिलते हैं।
लेकिन अब उनकी तनख्वाह 30000 रुपए हो जाएगी और सारे भक्तों को मिलाकर यह 90000 रुपए हर महीने होगी।
केजरीवाल सरकार साल 2015 में इस संबंध में विधायकों की तनख्वाह बढ़ाने को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव लाई थी और तब इसे केंद्र सरकार को भी भेजा गया था।
केजरीवाल सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुरोध किया था कि दिल्ली में विधायकों की तनख्वाह और भत्ते दूसरे राज्यों के बराबर ही होने चाहिए। इससे पहले दिल्ली में विधायकों की तनख्वाह और भत्ते साल 2011 में बढ़ाए गए थे।
देश के सभी राज्यों में विधायकों को अलग-अलग तनख्वाह मिलती है। वर्तमान में तेलंगाना में भारत में विधायकों को सबसे ज़्यादा तनख्वाह मिलती है। तेलंगाना में विधायकों को हर महीने 2.50 लाख रुपए मिलते हैं लेकिन उनका मूल वेतन 20,000 रुपए और अन्य भत्ते 2.30 लाख रुपए हैं। सबसे कम तनख्वाह त्रिपुरा में दी जाती है। यहां विधायकों को 34,000 रुपए प्रति माह तनख्वाह मिलती है।
किस राज्य में कितनी तनख़्वाह?
तेलंगाना - 2.50 लाख
महाराष्ट्र - 2.32 लाख
दिल्ली - 2.10 लाख
उत्तर प्रदेश - 1.87 लाख
जम्मू और कश्मीर - 1.60 लाख
उत्तराखंड - 1.60 लाख
आंध्र प्रदेश - 1.30 लाख
हिमाचल प्रदेश - 1.25 लाख
राजस्थान - 1.25 लाख
गोवा - 1.17 लाख
हरियाणा - 1.15 लाख
पंजाब - 1.14 लाख
झारखंड - 1.11 लाख
मध्य प्रदेश - 1.10 लाख
छत्तीसगढ़ - 1.10 लाख
बिहार - 1.14 लाख
पश्चिम बंगाल - 1.13 लाख
तमिलनाडु - 1.05 लाख
कर्नाटक - 98 हजार
केरल - 70 हजार
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