दिल्ली के शराब स्कैम मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खास सहयोगी और आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी रहे विजय नायर को सोमवार को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि इसी मामले में विजय नायर और कारोबारी अभिषेक बोनपल्ली सीबीआई की कस्टडी में काफी दिनों से हैं। इन दोनों की जमानत पर सोमवार को सुनवाई होने वाली थी लेकिन ईडी ने दोनों को अपनी कस्टडी में लेकर गिरफ्तार कर लिया। यह तकनीकी गिरफ्तारी जरूर है लेकिन आम आदमी पार्टी और खासकर सिसोदिया की मुश्किलों को बढ़ाने वाली है। सरकारी गवाह बन चुके दिनेश अरोड़ा की गवाही किसी भी समय हो सकती है। उसके खुलासे मीडिया तक जरूर पहुंचेंगे। ऐसे में एमसीडी और गुजरात चुनाव में आप की उम्मीदों पर असर पड़ेगा।
पीटीआई के मुताबिक आरोपी विजय नायर और अभिषेक बोनापल्ली ने यह दावा करते हुए जमानत मांगी थी कि सीबीआई हिरासत में उनसे और पूछताछ की जरूरत नहीं है। उनकी याचिका का विरोध करते हुए, सीबीआई ने पीएमएलए कोर्ट में तर्क दिया था कि विजय नायर, जो एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के पूर्व सीईओ थे, ने अन्य लोगों के साथ आपराधिक साजिश रची और दिल्ली सरकार की नई शराब नीति बनाई और लागू की गई।
इसी तरह बोनापल्ली की याचिका का भी विरोध करते हुए सीबीआई ने कहा था कि उन्होंने दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद में अन्य आरोपियों और शराब व्यापारियों के साथ बैठक की और शराब नीति तैयार की और इसका लाभ उठाया।
पीटीआई की खबर में कहा गया है कि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट से विजय नायर और बोनापल्ली की हिरासत की मांग कर सकती है। ईडी ने इस मामले में अब तक 169 तलाशी अभियान चलाए हैं और शराब कंपनी इंडोस्पिरिट के प्रमोटर, शराब कंपनी के महाप्रबंधक और अरबिंदो फार्मा के डायरेक्टर और प्रमोटर सहित कई शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार किया है।
सीबीआई ने अगस्त में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था, जिसमें दिल्ली सरकार के वरिष्ठ नौकरशाहों और अन्य के अलावा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक आरोपी के रूप में नामजद किया गया था।
इस महीने की शुरुआत में, एजेंसी ने मनीष सिसोदिया के एक सहयोगी दिनेश अरोड़ा के परिसर की तलाशी ली और बाद में उससे पूछताछ की। दिनेश अरोड़ा ने बाद में सरकारी गवाह बनने की बात कोर्ट को बताई। अब अरोड़ा की गवाही किसी भी समय कोर्ट में हो सकती है।
क्या है आरोप
बीजेपी ने कहा था कि विजय नायर और दिनेश अरोड़ा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के लिए कैश कलेक्शन का काम करते थे। बीजेपी नेताओं ने कहा था कि नई आबकारी नीति के निर्देशक केजरीवाल हैं जबकि सिसोदिया विलेन हैं और इस कहानी में शराब माफिया का भी किरदार है। बीजेपी का कहना है कि सिसोदिया ने आबकारी नीति में जमकर भ्रष्टाचार किया है और उन्हें दिल्ली कैबिनेट से हटाया जाना चाहिए।
बीजेपी ने बीते दिनों एक के बाद एक दो स्टिंग जारी कर यह दावा किया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने नई आबकारी नीति में जमकर भ्रष्टाचार किया है। यह स्टिंग आबकारी घोटाले में आरोपी नंबर 9 अमन अरोड़ा और सीबीआई के द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में आरोपी बनाए गए सनी मारवाह के पिता कुलविंदर मारवाह का था।
मनीष सिसोदिया, डिप्टी सीएम दिल्ली
मनीष सिसोदिया का स्पष्टीकरण
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कहना है कि दिल्ली सरकार की जिस आबकारी नीति को लेकर विवाद हो रहा है, वह सबसे अच्छी आबकारी नीति थी और दिल्ली सरकार उस आबकारी नीति को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से लागू कर रही थी। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली के तत्कालीन उप राज्यपाल ने 48 घंटे पहले उस आबकारी नीति को फेल करने की साजिश के तहत अपना फैसला नहीं बदला होता तो दिल्ली सरकार को इस आबकारी नीति से कम से कम 10000 करोड़ रुपये हर साल मिलते। उन्होंने कहा कि नई आबकारी नीति में किसी तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ था।
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