दिल्ली में ख़तरनाक स्तर तक हवा के ख़राब होने के बीच दिल्ली सरकार ने अपने 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने का निर्देश दिया है। इसको लागू करने के लिए बुधवार को बैठक की जाएगी।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट कर कहा, 'प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम लागू करने का फैसला किया है। 50 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम करेंगे। इसके क्रियान्वयन के लिए आज दोपहर 1 बजे सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक होगी।'
दिल्ली सरकार का यह फ़ैसला तब आया है जब बुधवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 'गंभीर' श्रेणी में बना रहा। बुधवार लगातार तीसरा दिन है जब दिल्ली-एनसीआर का एक्यूआई 'गंभीर' श्रेणी में रहा। सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 423 रहा, जबकि शहर का सबसे प्रदूषित इलाका मुंडका (464) रहा, उसके बाद वजीरपुर और अलीपुर (462) रहे।
मंगलवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र को पत्र लिखकर शहर में वायु गुणवत्ता की बिगड़ती स्थिति से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश की अनुमति मांगी। उन्होंने केंद्र से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आईआईटी कानपुर और केंद्र सरकार की एजेंसियों के विशेषज्ञों के साथ बैठक करने को भी कहा।
दिल्ली-एनसीआर में धुंध और वायु प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने सोमवार सुबह से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी जीआरएपी-4 को लागू करने के निर्देश जारी किए थे।
जीआरएपी-4 के तहत कैसी सख्ती?
जीआरएपी के चरण-4 के तहत सरकार ने रक्षा, मेट्रो, रेलवे, हवाई अड्डों और स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े विशेष परियोजनाओं को छोड़कर सभी निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। आठ सूत्री कार्ययोजना में दिल्ली में डीजल से चलने वाले मध्यम और भारी वाहनों (बीएस-4 और उससे नीचे) के प्रवेश पर प्रतिबंध भी शामिल है। हालाँकि उन वाहनों को अनुमति दी गई है जो ज़रूरी सामान या आपातकालीन सेवाएं देते हैं। अगले आदेश तक कक्षा 10 और 12 को छोड़कर सभी स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं होंगी।
राजधानी में जहरीली हवा को देखते हुए ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के सभी राज्यों से कहा है कि वे स्कूलों को बंद करने और कक्षाओं को ऑनलाइन करने पर तुरंत फैसला लें। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों को प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए नियमों का सख्ती से पालन करने का भी निर्देश दिया है। इसने यह भी कहा है कि ये प्रतिबंध तब भी लागू रहेंगे, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 की सीमा से नीचे आ जाता है।
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