loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2025

दिल्ली 70 / 70

आप
22
बीजेपी
48
कांग्रेस
0
अन्य
0

चुनाव में दिग्गज

प्रवेश सिंह वर्मा
बीजेपी - नई दिल्ली

जीत

मनीष सिसोदिया
आप - जंगपुरा

हार

आतिशी
आप - कालकाजी

जीत

सौरभ भारद्वाज
आप - ग्रेटर कैलाश

हार

दिल्ली चुनाव नतीजे 2025ः आप के हार की 5 खास वजहें

बीजेपी करीब तीन दशक बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने को तैयार है। इस रिपोर्ट को लिखे जाने के समय बीजेपी 11 सीटें जीत चुकी थी और 37 सीटों पर आगे थी। यानी बीजेपी को 48 सीटें मिलने वाली हैं। आम आदमी पार्टी 10 सीटें जीत चुकी है और 11 सीटों पर वो आगे है। यानी आप को 22 सीटें मिलने वाली हैं। इस रिपोर्ट में आप की हार की खास वजहों पर बात की जा रही है।

सत्ता विरोधी लहर यानी आ-पदा

AAP ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 दस साल की सत्ता विरोधी लहर और आक्रामक भाजपा के साथ लड़ा। भाजपा के अभियान के दौरान, मोदी ने दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधने के लिए 'आप-दा' शब्द गढ़ा। आप-दा को आप 'विनाश' भी कह सकते हैं। पिछले दस वर्षों में दिल्ली पर शासन करने में AAP की 'विफलता' को उजागर करने के लिए इस शब्द ने जरूर मतदाताओं का ध्यान आकर्षित किया। इसका मतलब यह है कि दिल्ली के चुनाव को मोदी से लेकर उसके छोटे कार्यकर्ता तक ने दिलोजान से लड़ा। दिल्ली की सत्ता में आप 2015 से है। पिछले दस वर्षों में केजरीवाल सरकार का ध्यान स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों पर रहा है, जबकि इसने बिजली और पानी पर सब्सिडी देना जारी रखा है। लेकिन बीजेपी ने पिछले सभी चुनावों में लगातार 30 फीसदी से ऊपर वोट शेयर बनाए रखा। उसका फायदा उसे अब मिला।

ताजा ख़बरें

दिल्ली शराब नीति घोटाला और 'शीश महल'

दिल्ली चुनाव की शुरुआत होने के साथ ही राजनीतिक विश्लेषकों ने सत्य हिन्दी पर स्पष्ट रूप से कहा था कि यह चुनाव आप के लिए आसान नहीं है। बल्कि वो एक मुश्किल लड़ाई में उतरने जा रही है। आप का शीर्ष नेतृत्व आकंठ भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गया। आप लाख कह लें कि आप कट्टर ईमानदार हैं लेकिन जनता इस कहावत पर ज्यादा यकीन करती है कि जब धुआं उठा है तो किसी न किसी वजह से आग लगी है। मुख्य रूप से कथित दिल्ली शराब घोटाले की जांच ने केजरीवाल और पूरी पार्टी पर सवाल खड़े कर दिये। 

पूरी बीजेपी और पीएम मोदी तक ने पूर्व सीएम केजरीवाल के सरकारी आवास को शीशमहल कहा। यह सब झूठ नहीं था। उस आवास के जो फोटो और वीडियो जनता ने देखे, उसका असर उस पर पड़ा। केजरीवाल ने पिछले साल सितंबर में सीएम पद छोड़ा था। केजरीवाल के कथित शीशमहल पर लगे आरोपों में आलीशान वॉशरूम भी चर्चा में रहा था। आप शीशमहल के जवाब में पीएम आवास को राजमहल बताकर अपनी दागदार छवि को मिटा नहीं सकते।

तंग किए जाने का डर

बीजेपी ने आप की योजनाओं की नकल करके उसे मतदाताओं के बीच कायदे से प्रचारित किया। दूसरी तरफ केजरीवाल ने मतदाताओं को डर दिखाया कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो वो उसकी कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर देगी। बीजेपी मतदाताओं को यह बताने में कामयाब रही कि जब वो आप जैसी योजनायें ला रही है तो वो कल्याणकारी योजनाओं को बंद क्यों करेगी। केजरीवाल का यमुना में जहर मिलाने का आरोप भी झूठा पड़ गया। अगर वो प्रदूषित पानी की बात करते तो मतदाता उसे समझ जाते। सीधा सा अर्थ है कि अगर आप डर फैलाते हैं तो जिस पार्टी या शख्स से डराया जाता है, जनता उसी को चुनना पसंद करती है। ताकि डर ही न रहे। मतादाताओं ने इस उम्मीद में भी वोट दिया कि अब उसे डराया नहीं जाएगा।

पुराने वादे क्या पूरे हुएः आप ने इस बार महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने का वादा किया था। लेकिन 2023 में आप ने महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने का वादा किया था। वो वादा आप पूरा नहीं कर सकी। अगर आप 1000 रुपये देने को तैयार नहीं हैं तो 2100 रुपये देने पर मतदाता कैसे विश्वास करते। पंजाब में आप सरकार ने भी इसी तरह की योजना का वादा किया है लेकिन वो आज तक पूरा नहीं हो सका। दूसरी ओर, भाजपा ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में महिला केंद्रित नकदी योजनाएं पेश की हैं। मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना के तहत पैसे मिलते देखे गये। महाराष्ट्र में भी शुरुआत में इसी तरह की योजना के लिए पैसे दिये गये।

इंडिया गठबंधन में विरोधाभास

इंडिया गठबंधन में अब भागीदारों के बीच बयानबाजी और विरोधाभास ज्यादा हैं। लेकिन खुद आप और कांग्रेस पंजाब व हरियाणा में प्रतिद्वंद्वी हैं। हालांकि दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने AAP प्रमुख और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को जेल से रिहा करने की मांग करते हुए दिल्ली  में इंडिया की रैली में भाग लिया। दोनों पार्टियों ने मिलकर लोकसभा चुनाव 2024 लड़ा था। विधानसभा चुनाव में दोनों अलग हो गये। 

दिल्ली से और खबरें
दिल्ली चुनाव से एक सप्ताह पहले 28 जनवरी को, राहुल ने केजरीवाल और उनकी पार्टी के सहयोगी मनीष सिसोदिया पर तीखा हमला किया और दोनों पर कथित दिल्ली शराब घोटाले के 'आर्किटेक्ट' होने का आरोप लगाया। गांधी ने दिल्ली चुनाव 2025 से पहले एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए 'शीश महल' का भी जिक्र किया। मतदाता इस विरोधाभास को नहीं समझेंगे, यह समझने की भूल कांग्रेस और आप दोनों ने की। ऐसे में दोनों को ही न खुदा ही मिला और न विसाले सनम।
(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें