दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया औऱ सत्येंद्र
जैन ने इस्तीफा दे दिया है। सिसोदिया को कल ही सीबाआई ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार
कर लिया था। उन पर शराब घोटाले में आरोप लग रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों ही नेताओं का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
पहले गिरफ्तारी और अब इस्तीफा ऐसे समय में हुआ है जब दिल्ली
सरकार राज्य का बजट पेश करने की तैयारी कर रही है। केजरीवाल सरकार के सामने बड़ा सवाल यह है
कि अब बजट कौन पेश करेगा। सिसोदिया और जैन के इस्तीफे से पहले दिल्ली सरकार में कुल छह मंत्री थे। इसमें
सबसे ज्यादा 33 में से 18 विभाग मनीष सिसोदिया के ही पास थे। पिछले साल मई में सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद उनका स्वास्थ्य विभाग भी सिसोदिया को ही दे दिया गया था। सरकार में गोपाल राय, कैलाश
गहलोत, इमरान हुसैन और राज कुमार आनंद ही अब मंत्री बचे हैं।
सिसोदिया और जैन के इस्तीफे से पहले दिल्ली सरकार में कुल छह मंत्री थे। इसमें सबसे ज्यादा 33 में से 18 विभाग मनीष सिसोदिया के ही पास थे।
मनीष सिसोदिया को राष्ट्रीय राजधानी में 2021-22 के लिए बनाई गई और अब रद्द की जा चुकी शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। वहीं, सत्येंद्र जैन को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए पिछले साल मई में गिरफ्तार किया था।
इस्तीफा देने से पहले मनीष सिसोदिया
अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। जहां पर उन्हें गिरफ्तारी से
राहत नहीं मिली। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया से कहा
कि अगर वह दिल्ली शराब नीति मामले में सीबीआई द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती
देना चाहते हैं, तो वह उच्च न्यायालय जा सकते हैं।
सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी
ने कहा कि सीबाआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी अवैध थी क्योंकि उनका नाम सीबीआई चार्जशीट
में नहीं था और तलाशी में कोई बेहिसाब नकदी भी नहीं मिली है। सिसोदिया के वकील ने
कहा कि सीबीआई का आरोप है कि वह जाँच में सहयोग नहीं कर रहे थे, एक कमजोर बहाना था। सिसोदिया ने आज सुबह
ही अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट
उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत भी हो
गया था।
जब सुबह सिसोदिया की ओर से
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के सामने याचिका का
ज़िक्र किया था तो उन्होंने पूछा था कि वे सीधे सुप्रीम कोर्ट आने से पहले उच्च
न्यायालय क्यों नहीं गए? इस पर सिंघवी ने विनोद दुआ मामले में सर्वोच्च न्यायालय के
फ़ैसले का हवाला दिया था। इसके बाद सीजेआई मामले की सुनवाई के लिए तैयार हुए थे।
त्वरित सुनवाई के मसले पर जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने कहा, 'यह एक बहुत बुरी मिसाल होगी। आप ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं कर सकते क्योंकि आप दिल्ली में हैं।'
सिसोदिया को दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले में सीबीआई द्वारा गिरफ़्तार किया गया है और उन्हें दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को पाँच दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। सिसोदिया को 4 मार्च तक सीबीआई की हिरासत में रहना है। केंद्रीय जाँच एजेंसी ने सोमवार को दिल्ली के राउज एवन्यू कोर्ट से पाँच दिन की ही हिरासत मांगी थी और उसे यह मिल भी गई थी। उप-मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के बाद से ही प्रदर्शन कर रहे आप के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को देश के कई शहरों में प्रदर्शन किया।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पिछले साल सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। दिल्ली सरकार ने इसके बाद नई शराब नीति को वापस ले लिया था। आप ने कहा था कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना के इस आदेश से करोड़ों रुपये के राजस्व के नुकसान का आरोप लगाया। यानी नई शराब नीति से दिल्ली सरकार के खजाने को फायदा हो रहा था लेकिन एलजी की जिद की वजह से पुरानी शराब नीति फिर से लागू करना पड़ी।
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