कोरोना महामारी की तीसरी लहर से देश को बचाने के लिए टीकाकरण की रफ़्तार तेज़ करने की ज़रूरत है। साफ है कि जितने ज़्यादा लोगों को कोरोना की दोनों डोज़ लगेंगी, वायरस के फैलने का ख़तरा उतना ही कम रहेगा। लेकिन टीकाकरण के लिए वैक्सीन होनी चाहिए और दिल्ली सरकार ने कहा है कि उनके पास कोविशील्ड वैक्सीन का स्टॉक ख़त्म हो गया है। उधर, देश भर में टीकाकरण की रफ़्तार सुस्त हुई है।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि कोविशील्ड की डोज़ न होने की वजह से मंगलवार को कई सेंटर बंद रहेंगे। उन्होंने कहा कि सोमवार को भी सिर्फ़ 36,310 डोज़ ही लग सकीं जबकि हर दिन औसत 1.5 लाख डोज़ लग रही थीं।
सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, “दिल्ली में वैक्सीन फिर ख़त्म हो गई है...केंद्र सरकार एक-दो दिन की वैक्सीन देती है, फिर हमें कई दिन वैक्सीन केंद्र बंद रखने पड़ते हैं।”
उन्होंने पूछा कि केंद्र सरकार की क्या मजबूरी है और इतने दिन बाद भी हमारे देश का वैक्सीन प्रोग्राम लड़खड़ा कर क्यों चल रहा है? सिसोदिया इससे पहले भी वैक्सीन की कमी का मसला उठा चुके हैं। मई में उन्होंने आरोप लगाया था कि वैक्सीन की कमी के कारण 17 स्कूलों में बने 100 टीकाकरण केंद्रों को बंद करना पड़ा था।
दिल्ली के अलावा भी कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी की शिकायत की थी। विशेषज्ञों का कहना है कि अगस्त-सितंबर तक कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। ऐसे में जब राज्यों के पास वैक्सीन नहीं होंगी तो वे कैसे टीकाकरण कर पाएंगे।
कम हुई रफ़्तार
कोविन प्लेटफ़ॉर्म से मिले आंकड़ों के मुताबिक़ 21-27 जून के बीच हर दिन औसत 61.14 लाख डोज़ लगाई जा रही थीं जबकि 28 जून से 4 जुलाई के बीच यह आंकड़ा 41.92 लाख डोज़ पर पहुंच गया। इसके बाद 5 जुलाई से 11 जुलाई तक यह और ज़्यादा गिर गया और 34.32 लाख डोज़ पर आ गया। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि राज्यों के पास 1.54 करोड़ वैक्सीन की डोज़ अभी भी उपलब्ध हैं।
देश में अभी तक 37.73 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है।
पलट गयी सरकार
केंद्र सरकार कई बार कह चुकी है कि वह दिसंबर तक देश में सभी लोगों का टीकाकरण कर देगी लेकिन ऊपर दिए आंकड़ों को देखते हुए ऐसा होना आसान नहीं दिखता। सरकार ने पहले दावा किया था कि वह इस साल के दिसंबर तक वैक्सीन की 216 करोड़ डोज़ हासिल कर लेगी लेकिन बाद में वह इससे पलट गयी और सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह 135 करोड़ वैक्सीन ही उपलब्ध करा पाएगी। ऐसे में सरकार के दावे पर गंभीर सवाल उठते हैं। वैक्सीन की उपलब्धता के साथ ही टीकाकरण की रफ़्तार का भी सुस्त होना चिंता का विषय है।
वैक्सीन नीति को लेकर केंद्र सरकार की जबरदस्त आलोचना हो चुकी है। दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक ने इसके लिए केंद्र सरकार की तीख़ी आलोचना की थी।
आईएमए ने चेताया
इधर, डॉक्टरों के शीर्ष संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सरकार को चेतावनी दी है कि कोरोना की तीसरी लहर का आना तय है, लिहाज़ा, किसी तरह की ढील न दी जाए और पर्यटन व तीर्थाटन जैसी चीजों पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी जाए।
आईएमए ने यह बात ऐसे समय में कही है जब कांवड़ यात्रा शुरू होने वाली है और उत्तराखंड समेत कई राज्यों के पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
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