Delhi's Ravidas temple matter: Supreme Court today accepted Central government's proposal to hand over the demolished Ravidas temple site to a committee of devotees to reconstruct the temple in Tughlakabad area in South Delhi. pic.twitter.com/higGMghwxS
— ANI (@ANI) October 21, 2019
रविदास मंदिर को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट के ही निर्देश पर गिरा दिया था। इसके बाद दिल्ली, पंजाब व हरियाणा में प्रदर्शन हुए थे। शीर्ष अदालत ने 19 अगस्त को अधिकारियों को यह निर्देश दिये थे कि इस इलाक़े में क़ानून और व्यवस्था की स्थिति नहीं बिगड़नी चाहिए।
पिछली सुनवाई में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अदालत में केंद्र की ओर से पेश होकर मंदिर के लिए 200 स्क्वायर मीटर ज़मीन देने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन बाद में कुछ कारणों से इसे 400 मीटर कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए समझौते के मसौदे के अनुसार, पूजा के लिए बनाये गये क्षेत्र की तारों से बाउंड्री बनाई जाएगी और यहां जाने के लिए एक गेट भी होगा। मसौदे में कहा गया है कि बाउंड्री के बाहर किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं होने दिया जायेगा। इसमें यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार संत रविदास के तालाब और चार समाधियों को फिर से बनायेगी लेकिन समाधियों के ऊपर किसी भी तरह का निर्माण करने की अनुमति नहीं होगी।
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