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ईडी ने पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ दायर की चार्जशीट 

जांच एजेंसी ईडी ने पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चार्जशीट दायर कर दी है। यह चार्जशीट गाजियाबाद की एक अदालत में दायर की गई है। ईडी ने इस साल फरवरी में राणा अय्यूब के 1.77 करोड़ रुपये जब्त कर लिए थे। राणा अय्यूब पर मनी लॉन्ड्रिंग करने और दूसरों की मदद करने के नाम पर इकट्ठे किए गए पैसे में हेराफेरी करने का आरोप है। 

गाजियाबाद पुलिस ने राणा अय्यूब के खिलाफ बीते साल सितंबर में एफआईआर दर्ज की थी। यह एफआईआर हिंदू आईटी सेल नाम के एक एनजीओ के संस्थापक विकास सांकृत्यायन के द्वारा दर्ज कराई गई थी। इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने आगे की कार्रवाई की थी।  

बताना होगा कि राणा अय्यूब मोदी सरकार के कुछ फ़ैसलों के खिलाफ काफी मुखर रही हैं।

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ईडी को पता चला था कि राणा अय्यूब ने अपने ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफार्म Ketto के जरिए 2020 और 2021 के बीच 2.69 करोड़ रुपये इकट्ठा किए थे और इसमें से 80.49 लाख रुपये विदेशी मुद्रा के रूप में प्राप्त हुए। बाद में आयकर विभाग के द्वारा एफसीआरए के उल्लंघन के मामले में जांच शुरू करने के बाद राणा अय्यूब ने विदेशी चंदे को वापस कर दिया था। 

ईडी ने कहा है कि राणा अय्यूब ने Ketto के जरिए जो रकम इकट्ठा की, इसे उनके पिता और बहन ने बैंक से निकाल लिया था और यह पूरा पैसा इस पत्रकार के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया। 

ईडी ने कहा है कि राणा ने तीन अभियानों के जरिए इस रकम को इकट्ठा किया। इसमें (अप्रैल-मई 2020 के दौरान) झुग्गीवासियों और किसानों के लिए, असम, बिहार और महाराष्ट्र में राहत कार्य के लिए (जून-सितंबर 2020 के दौरान) और भारत में (मई-जून 2021 के दौरान) कोरोना काल से प्रभावित लोगों के लिए मदद के नाम पर धन इकट्ठा किया गया। 

ईडी ने कहा था कि राणा अय्यूब के द्वारा राहत व मदद के काम के नाम पर फर्जी बिल बनाए गए और निजी हवाई यात्राएं की गई। एजेंसी ने कहा था कि उसकी जांच में यह पूरी तरह साफ है कि इस पैसे को दान के नाम पर इकट्ठा किया गया और ऐसा एक योजना बनाकर किया गया। 

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जांच एजेंसी ने कहा था कि इकट्ठा किए गए पूरे पैसे का इस्तेमाल उस काम के लिए नहीं किया गया जिसके नाम पर यह धन इकट्ठा किया गया था। ईडी ने कहा था कि राणा अय्यूब ने इकट्ठा किए गए पैसे में से 50 लाख रुपये की एफडी करवा ली और 50 लाख रुपए एक नए खाते में डाल दिए और केवल 29 लाख रुपए लोगों की मदद के लिए खर्च किए। 

ईडी को यह भी पता चला था कि राणा अय्यूब ने पीएम केयर्स फंड और सीएम रिलीफ फंड में 74.50 लाख रुपये दिए। 

इन आरोपों को लेकर राणा अय्यूब ने कहा था कि Ketto के जरिये मिले चंदे में से एक भी पैसे की गड़बड़ी नहीं की गई है और उन्हें बदनाम करने का अभियान चलाया जा रहा है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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