पीटीआई की खबर के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सार्वजनिक धन का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के पिछले 15 वर्षों के भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) से ऑडिट कराने का आदेश दिया है। उनका आदेश वित्त विभाग द्वारा उठाई गई वित्तीय अनियमितताओं और कुप्रबंधन की आपत्तियों और चिंताओं के बाद आया।
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विपक्षी भाजपा ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर दिल्ली जल बोर्ड में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। अभी तक भाजपा ने आप सरकार पर जितने भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उनकी जांच हुई है। इस वजह से सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया गया। कई विधायकों पर भी ऐसे ही आरोप लगते रहे हैं।
दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा- “वित्त विभाग ने वित्तीय कुप्रबंधन के संबंध में चिंता जताई है लेकिन वित्तीय अनियमितताओं या दोषी अधिकारियों के उदाहरणों की ओर इशारा नहीं किया है। इसलिए अब सीएजी ऑडिट जरूरी हो गया है।
सीएजी ऑडिट जांच का आदेश डीजेबी अधिनियम की धारा 69 और सीएजी (कर्तव्य, शक्ति और सेवा की शर्तें) अधिनियम की धारा 19(3) के अनुसार है। यानी सरकार इसका ऑडिट कराने को बाध्य है।
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने 2017 से विभिन्न अनियमितताओं का हवाला देते हुए आप सरकार के तहत दिल्ली जल बोर्ड में 3,237 करोड़ रुपये के "घोटाले" का आरोप लगाया था। इसके बाद दिल्ली भाजपा के नेता भी हमलावर हो गए।
भाजपा दिल्ली प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “विधानसभा में चर्चा के दौरान 1,200 करोड़ रुपये के 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के टेंडर को बढ़ाकर 1,938 रुपये करने का भ्रष्टाचार का एक और मामला खुला है। यह वास्तव में शर्मनाक है कि केजरीवाल सरकार ने एसटीपी टेंडर जारी करने के बहाने यमुना को तेजी से साफ करने का वादा करके भ्रष्टाचार किया है और आज तक काम पूरा नहीं किया है। सचदेवा ने कहा- डीजेबी में निविदाएं जारी की गईं और भुगतान किया गया, लेकिन कोई काम नहीं किया गया। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कथित भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की मांग की।
बहरहाल, दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "इससे बेहतर बात नहीं हो सकती। यह दिल्ली सरकार की पारदर्शिता को दर्शाता है कि मुख्यमंत्री ने खुद सीएजी ऑडिट का आदेश देने का विकल्प चुना। यह सरकार की ईमानदारी को साबित करता है।" भारती ने कहा- यह दिल्ली जल बोर्ड के राजनीतिकरण के प्रयास को भी खत्म कर देता है। DJB में हम सभी दिल्ली के लोगों की सेवा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन भाजपा उन मुद्दों को लाने की कोशिश कर रही है जिनका कोई औचित्य नहीं है। इसलिए अब सीएजी ऑडिट से सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।''
भाजपा नेता डीजेबी में कथित घोटालों की जांच में तेजी लाने का आग्रह करने के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मिलने की भी योजना बना रहे हैं। इससे पहले भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने जब-जब एलजी से आप सरकार के घोटालों की जांच की मांग की है, तब-तब एलजी दफ्तर ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजकर जांच का अनुरोध किया है। यही वजह है कि सीबीआई और ईडी दिल्ली सरकार के मंत्रियों, विधायकों को लेकर बहुत सक्रिय रही हैं। हालांकि आप ने इसे केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बताया है।
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