बीआरएस नेता के कविता को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कोई राहत देने से इंकार कर दिया है। उन्हें 15 मार्च को दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जहां शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने को कहा है।
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उनकी रिट याचिका पर सुनवाई की है। सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि उनका विचार है कि वैधानिक प्रावधानों को दरकिनार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि सैद्धांतिक रूप से हम सभी इस बात पर सहमत हैं कि हमें, केवल इसलिए कि कोई राजनीतिक व्यक्ति या कोई ऐसा व्यक्ति है जो सीधे सुप्रीम कोर्ट में आने का जोखिम उठा सकता है, सभी वैधानिक और संवैधानिक मूल्यों को दरकिनार नहीं करना चाहिए।
न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने यह भी बताया कि उसने पहले ही विजय मदनलाल चौधरी बनाम भारत संघ मामले में फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिकाओं पर विचार करने का फैसला किया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन निवारण अधिनियम या पीएमएलए के प्रावधानों को बरकरार रखा था।
खंडपीठ ने कहा कि वह इन याचिकाओं के साथ अधिनियम के प्रावधानों को चुनौती देने वाली कविता की प्रार्थना पर भी सुनवाई करेगी।
तेलंगाना विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) और पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता को 15 मार्च को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था और एक दिन बाद ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था।
कविता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि जांच एजेंसी के पास अनुमोदनकर्ताओं के बयानों के अलावा कोई सबूत नहीं है।
के कविता की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए अदालत ने अपने आदेश में कहा कि वह ट्रायल कोर्ट में जाने के लिए स्वतंत्र होंगी। यह स्पष्ट करते हुए कि उसने मामले के गुण-दोष पर कुछ नहीं कहा है, अदालत ने कहा कि यदि जमानत के लिए आवेदन दायर किया गया है, तो उस पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा।
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