बीजेपी नेता कपिल मिश्रा को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है या नहीं, इसे लेकर स्थिति साफ़ नहीं हो पा रही है। अंग्रेजी अख़बार ‘द टेलीग्राफ़’ ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर मिश्रा को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। इसके तहत उन्हें 9 सुरक्षाकर्मी दिये गये हैं और ये 24 घंटे उनकी सुरक्षा में तैनात रहेंगे। लेकिन दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने मिश्रा को वाई श्रेणी की सुरक्षा दिये जाने की ख़बरों को ग़लत बताया है। मिश्रा पर आरोप है कि उनके भड़काऊ भाषण देने के कारण ही दिल्ली में दंगे भड़के।
‘द टेलीग्राफ़’ ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि मिश्रा को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने की बात नई नहीं है और 2017 में ही उन्हें यह सुरक्षा देने को लेकर मंजूरी मिल गई थी। अख़बार के मुताबिक़, दिल्ली पुलिस के एक अफ़सर ने नाम ज़ाहिर न करने की शर्त पर कहा कि मंजूरी मिलने के कुछ महीने बाद ही मिश्रा ने कहा था कि उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा की ज़रूरत नहीं है और उन्होंने सिर्फ़ एक हथियारबंद सुरक्षाकर्मी देने की मांग की थी।
पिछले साल जुलाई में गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा की समीक्षा की थी और फ़ैसला किया था कि उनकी वाई श्रेणी की सुरक्षा को बरक़रार रखा जाये। अख़बार ने अफ़सर के हवाले से कहा है कि मिश्रा ने तब दुबारा वही बात कही कि उन्हें इतने ज़्यादा सुरक्षाकर्मियों की ज़रूरत नहीं है क्योंकि इससे उन्हें खुलकर कहीं भी आने-जाने में परेशानी होती है।
पुलिस अफ़सर ने अख़बार से कहा कि दिल्ली में हुए दंगों के बाद मिश्रा ने हमसे वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का अनुरोध किया। अफ़सर ने कहा कि मिश्रा ने पुलिस को बताया कि उन्हें बहुत सारी धमकियां मिल रही हैं और उनकी जान को ख़तरा है। अख़बार की ओर से इस बारे में मिश्रा से बात करने की कोशिश की गई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
जाफ़राबाद में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में चल रहे धरने के ख़िलाफ़ बीजेपी नेता कपिल मिश्रा की अगुवाई में सैकड़ों लोग मौजपुर इलाक़े में जमा हो गये थे। इसके बाद क़ानून के विरोध में और समर्थन में उतरे लोगों के बीच पत्थरबाज़ी हुई थी और दंगे भड़क गये थे। इसके बाद दिल्ली तीन दिन तक जलती रही थी।
कपिल मिश्रा पहले आम आदमी पार्टी में थे। लेकिन 2017 में उन्होंने पार्टी का दामन छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। इस बार उन्होंने बीजेपी के टिकट पर दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गये थे।
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