बिहार की राजनीति में सत्ता परिवर्तन को लेकर एक बार फिर से है चर्चाओं का बाजार गर्म है। इस बदलते घटनाक्रम के बीच गुरुवार की रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दिल्ली स्थित आवास पर बिहार भाजपा के प्रमुख नेताओं की एक बैठक हुई।
96 मिनट तक चली इस बैठक में क्या बात हुई है इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है लेकिन माना जा रहा है कि इसमें बिहार के बदलते राजनैतिक घटनाक्रम और भाजपा की रणनीति पर चर्चा की गई है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बिहार-झारखंड के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र, संगठन महामंत्री भीखू भाई दलसानिया, बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, राज्यसभा सांसद और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, भाजपा नेता और पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी समेत कई अन्य नेता मौजूद रहे।
गृहमंत्री अमित शाह के घर पर हुई बैठक से पहले बिहार भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े के घर पर बिहार भाजपा के नेताओं की करीब 40 मिनट तक बैठक हुई।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लेकर अटकले लगाई जा रही है कि वह कभी भी पाला बदल कर भाजपा के साथ हो सकते हैं। गुरुवार को परिवारवाद पर नीतीश कुमार के बयान के बाद राजद और जदयू में दूरी बढ़ गई है। राजनैतिक विश्लेषक दावा कर रहे हैं कि बिहार में सत्ता परिवर्तन की पटकथा दिल्ली में लिखी जा चुकी है।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने नीतीश की घर वापसी को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार बिहर के मुख्यमंत्री पद से कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं और भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बना सकते हैं।
नीतीश की 'घर वापसी' के लिए बिहार चैप्टर की स्क्रिप्ट दिल्ली में ही लिखी गई थी। एनडीटीवी की रिपोर्ट कहती है कि बाढ़ से भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने दावा किया है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार भाजपा के साथ आएंगे।
दूसरी तरफ बिहार की राजधानी पटना में सीएम आवास पर नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के विभिन्न नेताओं के साथ बैठक की है। वहीं लालू यादव और तेजस्वी यादव ने राबड़ी आवास पर राजद के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की है। लालू यादव ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध नारायण चौधरी से फोन पर बात की है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक भाजपा ने अपने सभी विधायकों को पटना में रहने को कहा है। राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि जदयू और भाजपा के बीच अगर सीएम पद को लेकर कोई सहमति नहीं बनती है तो नीतीश कुमार बिहार विधानसभा को भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं।
ऐसी स्थिति में भी संभावना है कि भाजपा और जदयू मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। बिहार में नीतीश कुमार फिर पाला बदल कर भाजपा से जाकर मिलेंगे या नहीं यह अगले कुछ दिनों में साफ हो जाएगा।
दूसरी तरफ राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद महागठबंधन को बचाने के लिए लगे हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार से उन्होंने फोन पर बातचीत कर उन्हें मनाने की भी कोशिश की है। लालू यादव अन्य विकल्पों पर भी काम कर रहे हैं।
अगर नीतीश भाजपा के साथ जाने का फैसला करते हैं तब राजद सुप्रीमों लालू यादव जदयू और भाजपा से विधायकों को तोड़ कर और अन्य छोटे दलों को मिलाकर राजद के नेतृत्व वाली सरकार बनाने की कोशिश करेंगे।
केसी त्यागी ने कहा इंडिया गठबंधन सलामत है
बिहार में राजनैतिक हलचल तेज होने के बाद दिल्ली में गुरुवार को जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि इंडिया गठबंधन सलामत है और जेडीयू इसका हिस्सा है। नीतीश कुमार के एनडीए में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा है कि " ऐसा अभी कुछ भी नहीं है।"
लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के ट्वीट पर केसी त्यागी ने कहा, कि बच्चों के कमेंट पर हम कमेंट नहीं करते। वहीं नीतीश कुमार की परिवारवाद वाली टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि, वह न तो लालू यादव पर थी और न ही सोनिया गांधी पर थी। कार्यक्रम में वह कर्पूरी ठाकुर की सराहना कर रहे थे।
बिहार के राजनीतिक हालात पर जदयू नेता विजय कुमार चौधरी ने गुरुवार को कहा है कि "मैं कल गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के लिए बिहारशरीफ जा रहा हूं। सरकार में सब कुछ ठीक है, इसलिए जा रहा हूं।
इस घटनाक्रम पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में 6-5 का खेल चल रहा है। उन्होंने लालू यादव और नीतीश कुमार को लेकर कहा कि, दोनों हार्ड बार्गेनर है। नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर का नाम लेकर परिवारवाद पर हमला किया इसके बाद रोहिणी आचार्य ने इस संबंध में ट्वीट किया था फिर जब नीतीश कुमार टाइट हुए तो जल्द ही उन्होंने अपना ट्वीट हटा दिया।
गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार लालू यादव को भाजपा की तरफ इशारा कर के डराते हैं लेकिन वह कभी नहीं कहते कि भाजपा का दरवाजा उनके लिए बंद है।
गिरिराज ने कहा कि पीएम मोदी तो शुरू से परिवारवाद पर बोल रहे हैं। नीतीश कुमार तो परिवारवादियों के साथ हैं। चाहे लालू यादव के साथ सरकार में हो या चाहे राहुल गांधी के साथ हो।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के जहां तक भाजपा में आने का सवाल है तो मुझे तो दूर-दूर तक ऐसा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है। नीतीश बाबू कुर्सी छोड़ नहीं सकते और लालू यादव अपने बेटे को नहीं छोड़ सकते। ये दोनों कुर्सी से जुड़े हुए हैं।
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