पेट्रोल, डीजल और सीएनजी की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के खिलाफ ऑटो, टैक्सी और कैब ड्राइवर 2 दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। यह हड़ताल सोमवार और मंगलवार को रहेगी। निश्चित रूप से इससे दिल्ली व एनसीआर में बड़ी संख्या में आम लोगों को परेशानी होगी।
ऑटो और कैब चालकों के कई संगठनों ने मांग की है कि पेट्रोल, डीजल और सीएनजी की कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है उसे वापस लिया जाए। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने चालकों को इस मसले को हल करने का भरोसा दिया था लेकिन फिर भी तमाम संगठन हड़ताल पर चले गए हैं।
दिल्ली की कई ऑटो टैक्सी एसोसिएशन का दावा है कि बड़ी संख्या में ऑटो और टैक्सी चालक उनके साथ जुड़े हुए हैं और 2 दिन तक वे अपनी सेवाएं बंद रखेंगे।
दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने एएनआई से कहा कि केंद्र व दिल्ली सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र भी लिखा गया था लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
सीएनजी में सब्सिडी दी जाए
सोनी ने कहा कि वे किराया नहीं बढ़ाना चाहते क्योंकि इससे आम आदमी की जेब पर असर पड़ेगा। उनकी यह भी मांग है कि सरकार सीएनजी की कीमतों में सब्सिडी दे। उन्होंने कहा कि सरकार को सीएनजी प्रति किलो पर 35 रुपए की सब्सिडी देनी चाहिए। दिल्ली में सीएनजी की कीमत 71.61 रुपए प्रति किलो है।
ग्रामीण सेवा, ई रिक्शा हड़ताल से बाहर
हालांकि कई संगठन ऐसे भी हैं जो इस हड़ताल में शामिल नहीं हैं। राजधानी चालक कल्याण एसोसिएशन के अध्यक्ष चंदू चौरसिया ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि ग्रामीण सेवा और ई रिक्शा 18 और 19 अप्रैल की हड़ताल में भाग नहीं लेंगे और अपना काम जारी रखेंगे। हालांकि उन्होंने सीएनजी में सब्सिडी दिए जाने की मांग का समर्थन किया।
सात साल से नहीं बढ़ा किराया
दिल्ली की सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने कहा है कि ओला और उबर कैब के चालक भी 18 अप्रैल से हड़ताल पर हैं। उन्होंने कहा कि 2015 के बाद से किराया नहीं बढ़ाया गया है जबकि सीएनजी और पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई में भी हड़ताल को समर्थन मिल रहा है और वहां भी कैब चालक मंगलवार को हड़ताल पर रहेंगे।
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