दिल्ली कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद अरविंदर सिंह लवली ने रविवार को कहा कि वह फ़िलहाल पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं या किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं। लवली ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं सिर्फ पार्टी की अध्यक्षता छोड़ रहा हूं लेकिन फिलहाल मैं पार्टी नहीं छोड़ रहा हूं।'
लवली ने कहा, 'हालाँकि मैं अपना अगला कदम तय करने के लिए पार्टी सदस्यों के साथ इस मामले पर चर्चा करूंगा।' लवली ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है और केवल अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के विरोध में पद छोड़ा है। लवली ने कहा, 'यह दर्द सिर्फ मेरा नहीं है। यह कांग्रेस के सभी नेताओं का है। मैंने इसे मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ एक पत्र साझा किया।'
लवली ने दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा के लिए जो उन्होंने कारण बताए हैं उसमें पार्टी के अपने सहयोगी दल आम आदमी पार्टी यानी आप के साथ गठबंधन और लोकसभा चुनाव में दिल्ली की तीन सीटों पर उतारे गए उम्मीदवारों तक के मुद्दे शामिल हैं।
हाल ही में कांग्रेस नेता राजकुमार चौहान ने इस्तीफा दिया था और उनके इस्तीफे के तुरंत बाद पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा था कि अधिक नेताओं के भी ऐसा करने की संभावना है।
लवली के इस्तीफे के बाद उनसे मिलकर संदीप दीक्षित ने कहा, 'हमने उनके इस्तीफे (अरविंदर सिंह लवली) पर चर्चा की। पिछले कुछ महीनों में सामने आई घटनाओं से वह दुखी हैं। उन्होंने जो मुद्दे उठाए हैं, उनका समाधान किया जाएगा।'
यह दूसरी बार है जब लवली ने दिल्ली कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया। उन्होंने 2015 में भी इस्तीफा दे दिया था जब आप ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में 70 में से 67 सीटें जीतकर जीत हासिल की थी।
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में लवली ने भ्रष्टाचार के मामलों में आप के कई मंत्रियों को जेल भेजे जाने की ओर इशारा किया था। फिर भी कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अरविंद केजरीवाल की पार्टी के साथ गठबंधन किया। उन्होंने कहा, 'दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा करने में असमर्थ होने के कारण वह पद से इस्तीफा दे रहे हैं।'
लवली ने कहा कि जब से उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा की है, लगभग 35 नेताओं ने उन्हें फोन किया है या उनसे मुलाकात की है। उन्होंने उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि वह सिर्फ दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटे हैं और अभी भी पार्टी के साथ हैं।
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