दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी चुनाव के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के लिए 10 गारंटियों का ऐलान किया है। इन गारंटियों में कूड़े के पहाड़ ख़त्म करना, दिल्ली को साफ करना, पार्किंग समस्या को ख़त्म करना आदि शामिल हैं।
केजरीवाल ने बीजेपी के द्वारा जारी किए गए वचन पत्र पर कहा कि बीजेपी पहले शपथ पत्र लेकर आई थी और उसने उसे कूड़े में फेंक दिया था और अब वह अपने वचन पत्र को भी कूड़े में फेंक देगी। एमसीडी के चुनाव के लिए 4 दिसंबर को मतदान होगा और नतीजे 7 दिसंबर को आएंगे। एमसीडी चुनाव में नामांकन की प्रक्रिया 14 नवंबर तक चलेगी।
केजरीवाल ने शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एमसीडी के चुनाव में इस बार बीजेपी की 20 से भी कम सीटें आएंगी और अगर उनसे कहा जाए तो वह इस बात को लिखकर भी दे सकते हैं। केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से अपील की कि काम रोकने वालों को वोट मत देना काम करने वालों को वोट देना, लड़ाई करने वालों को वोट मत देना, स्कूल बनाने वालों को वोट देना।
250 वार्ड बनाए
साल 2012 तक दिल्ली में एकीकृत नगर निगम था लेकिन दिल्ली की तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने इसे उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी नगर निगमों में बांट दिया था। लेकिन केंद्र सरकार ने इसे फिर से एक कर दिया है। तीनों नगर निगमों को मिलाकर दिल्ली में कुल 272 वार्ड थे लेकिन वार्डों के परिसीमन के बाद अब एमसीडी में 250 वार्ड बनाए गए हैं। इनमें से 42 वार्ड महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होंगे। 104 वार्डों को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है।
टिकट बंटवारे का काम जोरों पर
आम आदमी पार्टी और बीजेपी के अंदर टिकटों के बंटवारे को लेकर जबरदस्त मारामारी है। आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं के घरों के साथ ही पार्टी के मुख्यालय में बड़ी संख्या में टिकटों के दावेदार अपना बायोडाटा लेकर पहुंच रहे हैं। दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय के साथ ही एमसीडी चुनाव के प्रभारी दुर्गेश पाठक के पास बड़ी संख्या में एमसीडी चुनाव में टिकट चाहने वाले उम्मीदवार पहुंच रहे हैं।
इसी तरह बीजेपी भी एमसीडी के 250 वार्डों के लिए उम्मीदवारों के चयन को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है। बीजेपी ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए प्रचार रथ तैयार किए हैं और हर विधानसभा में एक-एक प्रचार रथ को भेजा जा रहा है।
कांग्रेस ने एमसीडी चुनाव के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा गठित की गई स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्षता अविनाश पांडे करेंगे जबकि कमेटी में सदस्य के रूप में डॉ के. जयकुमार और काजी मोहम्मद निजामुद्दीन शामिल हैं।
कड़े मुकाबले के आसार
एबीपी न्यूज़-सी वोटर ने एमसीडी के चुनाव को लेकर हाल ही में ओपिनियन पोल किया है। ओपिनियन पोल के मुताबिक, 250 वार्ड वाले दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी में बीजेपी को 118-138, आम आदमी पार्टी को 104-124, कांग्रेस को 4-12 और अन्य को 0-4 सीटें मिल सकती हैं। निश्चित रूप से इस ओपिनियन पोल के मुताबिक, एमसीडी पर कब्जे के लिए बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच जोरदार टक्कर होने जा रही है।दिल्ली में मजबूत है आप
दिल्ली में आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में 2013, 2015 और 2020 में सरकार बना चुकी है। 2013 के विधानसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी और यह सिर्फ 49 दिन तक चली थी। जबकि 2015 और 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी थी। 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 3 सीटें मिली थी जबकि 2020 के चुनाव में वह सिर्फ 8 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी थी। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी। कांग्रेस का दोनों चुनाव में सूपड़ा साफ हो गया था।पंजाब के विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद आम आदमी पार्टी एमसीडी का चुनाव जीतना चाहती है। आम आदमी पार्टी ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि मार्च 2022 में होने वाले एमसीडी के चुनाव को जानबूझकर टाला गया और इसके बाद वार्डों का परिसीमन भी गलत ढंग से किया गया है लेकिन बावजूद इसके पार्टी ने कहा है कि वह इस चुनाव में बीजेपी को हरा देगी।
पार्टी के सबसे बड़े चेहरे और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एमसीडी के साथ ही गुजरात के विधानसभा चुनाव में भी पूरा जोर लगा रहे हैं लेकिन उनके सामने बड़ी चुनौती एमसीडी के चुनाव जीतने की है। देखना होगा कि अरविंद केजरीवाल एमसीडी में आम आदमी पार्टी का मेयर बना पाते हैं या नहीं।
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