केजरीवाल जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। जम्मू-कश्मीर में लक्षित हत्याओं यानी टार्गेट किलिंग में बढ़ोतरी को लेकर आम आदमी पार्टी ने रविवार को आक्रोश रैली निकाली और विरोध प्रदर्शन किया है। आप ने कहा है कि जंतर मंतर पर यह विरोध प्रदर्शन 'कश्मीर और कश्मीरी पंडितों' के लिए था। आम आदमी पार्टी कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर बीजेपी सरकार के विफल होने का आरोप लगाती रही है।
केजरीवाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 'इस (कश्मीरी पंडितों के मुद्दों) पर भाजपा सरकार विफल रही है। लगता है कि 1990 का दौर फिर आ गया है। उनकी कोई योजना नहीं है। जब भी घाटी में कोई हत्या होती है, तो ख़बर आती है कि गृह मंत्री ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। बहुत हुई ऐसी बैठकें। अब हमें कार्रवाई की ज़रूरत है, कश्मीर कार्रवाई चाहता है।'
कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के ख़िलाफ़ जंतर-मंतर पर जन आक्रोश रैली | LIVE https://t.co/iMA75OsYq8
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 5, 2022
उन्होंने कहा, 'पिछले 30 साल में दो बार ऐसे मौक़े आए जब कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा। और इन दोनों ही बार कश्मीर में बीजेपी का शासन था। इसका मतलब ये कि भाजपा से कश्मीर नहीं संभलता।'
केजरीवाल ने आगे कहा, 'जब कश्मीरी लोग लक्षित हत्याओं का विरोध करते हैं, तो कश्मीर में मौजूदा बीजेपी सरकार उन्हें विरोध करने की अनुमति नहीं देती है। अगर सरकार इस तरह व्यवहार करती है, तो लोगों की पीड़ा दोगुनी हो जाती है।'
मुख्यमंत्री ने कहा, '1990 के बाद एक बार फिर कश्मीरी पंडित पलायन करने को मज़बूर हैं। कश्मीरी पंडितों का नरसंहार हो रहा है तो उन्हें आवाज़ उठाने की अनुमति ना देकर उनकी कॉलोनियों के बाहर ताला लगा दिया जाता है। आज कश्मीरी पंडित केवल अपनी सुरक्षा मांग रहा है।' इसके साथ ही उन्होंने गृह मंत्री द्वारा उच्च स्तरीय बैठक बुलाए जाने के नतीज़ों पर सवाल उठाए। केजरीवाल ने पूछा कि हर बार मीटिंग बुलाई जाती है लेकिन क्या हुआ। उन्होंने कहा कि अब ऐसी बैठकें नहीं चाहिए, बल्कि देश को बीजेपी सरकार प्लान बताए। उन्होंने कहा कि अब कार्रवाई होनी चाहिए, लोग मर रहे हैं।
कार्यक्रम में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा,“
आज कश्मीर जल रहा है। हमारा दिल कश्मीरी पंडितों के लिए रो रहा है। बीजेपी ने कश्मीर को घटिया राजनीति का अड्डा बना दिया है। बीजेपी सरकार ने 8 साल में कश्मीर को शांत करने तो दूर कश्मीर को 30 साल पहले वाले बुरे दौर में पहुँचा दिया है।
मनीष सिसोदिया, दिल्ली उप मुख्यमंत्री
आप नेता संजय सिंह ने कहा, 'कश्मीरी पंडित अपनी सुरक्षा के लिए सड़क पर निकल कर आवाज़ उठाते हैं तो मोदी सरकार उन्हें सुरक्षा नहीं देती, उन्हें लाठियों से पिटवाती है। कश्मीरी पंडित सुरक्षा के लिए बिलखते हैं तो उन्हें उनके घर के अंदर ही जेल बना कर कैद कर दिया जाता है।'
आप यह प्रदर्शन तब कर रही है जब जम्मू और कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में नागरिकों पर हमलों में वृद्धि हुई है। तीन महीनों में कम से कम 13 लोगों को निशाना बनाकर किए गए हमलों में आतंकवादियों ने मार डाला है। इसके बाद कई कश्मीरी पंडित कथित तौर पर अपने परिवारों के साथ घाटी छोड़ रहे हैं।
जम्मू में स्थानांतरण की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों के साथ कश्मीरी पंडित कश्मीर में बेहतर सुरक्षा की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
ऐसे हालातों के बीच ही दो दिन पहले केंद्र सरकार ने शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अजीत डोभाल, जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह की उपस्थिति में अमरनाथ यात्रा पर भी चर्चा की। यह यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है।
इस बीच कांग्रेस सहित दूसरे विपक्ष दल लक्षित हत्याओं को लेकर केंद्र सरकार पर हमले शुरू कर रहे हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी हमला किया।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र कश्मीरी पंडितों का समर्थन करेगा और उनके पीछे दृढ़ता से खड़ा है। उन्होंने कश्मीरी पंडितों को हर संभव मदद का भरोसा दिया। इसके साथ ही उन्होंने अपने पूर्व सहयोगी बीजेपी पर यह कहते हुए निशाना साधा कि कश्मीरी पंडितों को बेहतर हालात का सपना दिखाया गया था, लेकिन वास्तव में उनके हालात और बदतर होते जा रहे हैं।
शिवसेना नेता ने आगे कहा कि उनको घर वापसी यानी उनके कश्मीर घाटी में पुनर्वास का वादा किया गया था, लेकिन वादे पूरे नहीं किए गए। पीटीआई ने मुख्यमंत्री द्वारा जारी एक बयान के हवाले से कहा है, "कश्मीरी पंडितों को ‘घर वापसी’ (घाटी में पुनर्वास) का सपना दिखाया गया था, लेकिन उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और मार दिया जा रहा है। पंडितों का पलायन चौंकाने वाला है।"
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ठाकरे के हवाले से कहा है, 'कश्मीरी पंडितों के लिए जो भी संभव होगा, हम करेंगे, हम उन्हें अधर में नहीं छोड़ेंगे। शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में, मैं केवल यह वादा कर सकता हूं कि इस कठिन समय में महाराष्ट्र कश्मीरी पंडितों के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा।'
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