दिल्ली में हुए श्रद्धा हत्याकांड का अभियुक्त आफताब अमीन पूनावाला एक अन्य महिला के संपर्क में भी था। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि यह महिला पेशे से साइकोलॉजिस्ट है और आफताब का उससे एक डेटिंग ऐप बम्बल के जरिये संपर्क हुआ था। इसी ऐप के जरिये साल 2019 में वह श्रद्धा के संपर्क में आया था।
द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि यह महिला जून और जुलाई के दौरान कई बार आफताब के फ्लैट पर आई थी।
श्रद्धा हत्याकांड में गिरफ्तारी के बाद आफताब ने पुलिस को बताया था कि उसने श्रद्धा के शरीर को 35 टुकड़ों में काट दिया था और इन्हें रखने के लिए 300 लीटर का फ्रिज खरीदा था।
बता दें कि 26 साल की श्रद्धा और 28 साल का आफताब लिव इन रिलेशनशिप में दिल्ली के छतरपुर इलाके में रहते थे। आफताब ने पुलिस को बताया है कि शव की बदबू अपार्टमेंट में ना फैले इसके लिए वह अगरबत्ती जलाता था।
यह भी पता चला है कि आफताब ने श्रद्धा के शरीर के हिस्सों को फ्रिज के साथ ही रसोई में भी छिपाया हुआ था।
हत्या को छुपाने की कोशिश
जांचकर्ताओं ने अखबार को बताया कि 18 मई को श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब ने उसके इंस्टाग्राम अकाउंट को लॉगइन किया और उसके दोस्तों को मैसेज भेजे जिससे उन्हें यह लगे कि श्रद्धा अभी भी जिंदा है। आफताब ने श्रद्धा के क्रेडिट कार्ड का बिल भी चुका दिया जिससे कंपनियां श्रद्धा के मुंबई वाले पते पर कांटेक्ट न कर सकें। एक पुलिस अफसर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आफताब ने हर वह कोशिश की जिससे वह इस हत्या को छुपा सके।
आफताब ने पुलिस को बताया है कि श्रद्धा उस पर शादी करने के लिए दबाव बना रही थी और इसे लेकर उन दोनों के बीच लगातार लड़ाई झगड़े हो रहे थे।
आफताब ने पुलिस को बताया कि 18 मई को भी उन दोनों के बीच बहस हुई। उस दिन आफताब ने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद आफताब ने धारदार हथियार से श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े कर दिए।
विरोध के बाद शिफ्ट हुए मुंबई
जांचकर्ताओं के मुताबिक, साल 2019 में आफताब और श्रद्धा का रिश्ता शुरू हुआ था लेकिन उनके परिवारों के द्वारा विरोध करने के बाद वे दोनों पालघर से मुंबई शिफ्ट हो गए थे और साथ रहने लगे थे। साल 2019 में श्रद्धा एक स्पोर्ट्स रिटेल कंपनी में काम करती थी जबकि आफताब ने एक फाइव स्टार होटल में बतौर शेफ अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली थी।
आफताब फूड फोटोग्राफी और इससे जुड़े वीडियो भी बनाता था और उसके अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर 28000 से ज्यादा फॉलोअर हैं। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जांचकर्ताओं को पता चला है कि आफताब ने शेफ का प्रोफेशन छोड़ दिया था और श्रद्धा जिस कंपनी में काम करती थी वहीं पर उसे जॉब मिल गई थी।
एक पुलिस अफसर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पूछताछ के दौरान आफताब ने बताया कि उन दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर लड़ाई होने लगी थी और उनका रिश्ता कड़वाहट से भर गया था। वह दोनों एक-दूसरे पर धोखा देने और झूठ बोलने का शक करने लगे थे और दोनों ही एक-दूसरे से फोन कर उसकी जीपीएस लोकेशन और आसपास की फोटो के बारे में पूछते थे। कभी-कभी यह लड़ाई हिंसक भी हो जाती थी।
श्रद्धा के पिता के मुताबिक, श्रद्धा ने उन्हें बताया था कि आफताब उसे मारता-पीटता है।
15 मई को लिया फ्लैट
इस साल अप्रैल में मुंबई छोड़ने से पहले वे दोनों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड भी घूमने गए थे और इसके बाद उन्होंने दिल्ली आने का फैसला किया और यहां महरौली के छतरपुर पहाड़ी इलाके में 15 मई को एक वन रूम फ्लैट किराए पर लिया। लेकिन इसके 3 दिन बाद ही उनकी फिर से लड़ाई हुई और 18 मई को आफताब ने गला घोंट कर श्रद्धा की हत्या कर दी। मई, 2022 के बाद से ही श्रद्धा के पिता का अपनी बेटी से संपर्क नहीं हो पा रहा था।
मामले की जांच कर रहे पुलिस अफसरों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आफताब ने अंकिता के शव को 35 टुकड़ों में काटने के बाद जब इन्हें जंगल में फेंकना शुरू किया, इसके साथ ही उसने गुड़गांव के एक दूसरे कॉल सेंटर में नौकरी की तलाश कर ली और अपने डेटिंग एप को भी फिर से इंस्टॉल किया।
महाराष्ट्र के पालघर के रहने वाले श्रद्धा के पिता विकास मदान वालकर ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि उनकी बेटी श्रद्धा मुंबई में एक कॉल सेंटर में काम करती थी और तब उसकी मुलाकात आफताब से हुई थी। इसके बाद आफताब और श्रद्धा लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे और फिर दिल्ली आ गए।
कुछ दिन पहले श्रद्धा के एक दोस्त ने श्रद्धा के भाई को बताया कि पिछले 2 महीने से श्रद्धा का फोन स्विच ऑफ जा रहा है। इस पर श्रद्धा के पिता दिल्ली आए और जब फ्लैट पर पहुंचे तो वहां उन्हें ताला लगा मिला। इसके बाद उन्होंने महरौली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।
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