आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वह पटेल नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया. 21 मार्च को दिल्ली के सीएम की गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार से यह विशेष रूप से पहला इस्तीफा है।
अपना इस्तीफा देते हुए राजकुमार ने कहा, ''मैं राजनीति में तब आया था जब केजरीवाल ने बदलाव की राजनीति की बात कही थी और उसके जरिए देश बदलने की बात कही थी। लेकिन आज मैं बहुत अफसोस के साथ कह रहा हूं कि राजनीति तो नहीं बदली लेकिन नेता बदल गए। आप का जन्म भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से हुआ था, लेकिन आज यह पार्टी उसी भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है। आप आज महाभ्रष्ट पार्टी है। मैं यहां नहीं रह सकता।''
राजकुमार ने आप पर सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के संगठन में दलितों और पिछड़े समुदायों के व्यक्तियों को उचित सम्मान नहीं देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- “मेरे लिए इस सरकार का हिस्सा बनकर काम करना असंभव हो गया है। मैं इस पार्टी, इस सरकार और इसके मंत्री पद से अपना इस्तीफा देता हूं क्योंकि मैं नहीं चाहता कि ऐसे भ्रष्ट कार्यों में मेरा नाम जोड़ा जाए। मैं नहीं मानता कि हमें अब सरकार में बने रहने का नैतिक अधिकार है।'' आनंद ने अपना इस्तीफा आप महासचिव संगठन संदीप पाठक को भेजा।
खुद भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हैं राजकुमारः राजकुमार आनंद 2023 में चीन को भेजे गए हवाला भुगतान में बेहिसाब व्यापारिक निवेश से संबंधित कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी और डीआरआई द्वारा जांच के दायरे में हैं। पिछले साल नवंबर में, आनंद के परिसरों सहित 13 स्थानों पर तलाशी लेने के बाद, ईडी ने आरोप लगाया कि उनके कुछ प्रमुख कर्मचारियों के पास से 2023 में चीन भेजे गए बेहिसाब व्यापारिक निवेश और हवाला भुगतान से संबंधित सबूत बरामद किए गए थे। ईडी के अनुसार, वहां से 74 लाख रुपये कैश के अलावा विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज/डिजिटल रिकॉर्ड भी बरामद किए गए थे।
ईडी के एक प्रवक्ता ने कहा, “ईडी ने सीमा शुल्क अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध करने के लिए आनंद और अन्य जुड़े व्यक्तियों/संस्थाओं के खिलाफ राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर जांच शुरू की। शिकायत के अनुसार, आनंद ने चीन को हवाला भुगतान किया और विभिन्न आयातों पर लगभग 7 करोड़ रुपये के सीमा शुल्क की चोरी की।
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