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ऊपर से लेकर नीचे तक भाजपाई शराब घोटाले में डूबे हुए हैं: संजय सिंह

तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद आप नेता संजय सिंह ने आप मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। संजय सिंह ने पार्टी कार्यालय में दहाड़ा। उन्होंने कहा, 'जश्न का वक़्त नहीं है, जंग का वक़्त है। लड़ेंगे... जीतेंगे।' कथित शराब घोटाले के आरोपों को लेकर उन्होंने कहा कि यह घोटाला बीजेपी ने किया है। उन्होंने शरत रेड्डी का नाम लेते हुए कहा कि उनके बीजेपी के साथ मनी ट्रेल साफ़-साफ़ मिला है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने 55 करोड़ रुपये की रिश्वत खाई है। वह इलेक्टोरल बॉन्ड से मिले चंदे के संदर्भ में बीजेपी पर आरोप लगा रहे थे।

संजय सिंह ने कहा कि क़ानून की नज़र में सब बराबर हैं और इसमें प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हैं। उन्होंने मिसाल देते हुए कहा कि यदि पीएम मोदी के ख़िलाफ़ दो मुक़दमे दर्ज किए जाएँगे तो क्या उनको जाँच के लिए नहीं बुलाया जाएगा। आप सांसद ने भ्रष्टाचार के आरोपियों को बीजेपी में शामिल किए जाने को लेकर भी हमला किया।

संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी असम में हिमंत सरमा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही थी, कार्यकर्ता जुलूस निकाल रहे थे और मोदी जी ने हिमंत सरमा को गले लगा लिया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपी को असम का मुख्यमंत्री बना दिया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद अजित पवार, हसन मुश्रीफ, छगन भुजबल, अशोक चाह्वाण, शारदा-नारदा घोटाले वालों को बीजेपी ने गले लगा लिया। उन्होंने बीजेपी के लिए नारा दिया, 'जो जितना बड़ा भ्रष्टाचारी वो उतना बड़ा पदाधिकारी।'

केजरीवाल के सीएम पद से इस्तीफे की मांग को लेकर आप नेता ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल बिल्कुल इस्तीफा नहीं देंगे और दिल्ली के दो करोड़ लोगों के लिए काम करेंगे। कहा जाता है कि कोई चिट्ठी कैसे लिखेगा... मैं वापस आ गया हूं छह महीने जेल में बिताने के बाद। जेल मैनुअल में लिखा है कि कोई भी व्यक्ति जेल में रहते हुए असीमित पत्र लिख सकता है... अगर कोई सरकारी पत्र लिखना चाहता है, तो अदालत से अनुमति लेनी होगी।' 

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह अदालत का सम्मान करते हुए अपने केस के बारे में कुछ नहीं बोलेंगे, लेकिन केजरीवाल, सिसोदिया, सत्येंद्र जैन के केस के बारे में बोलना जारी रखेंगे।
संजय सिंह बुधवार रात को जेल से बाहर आ गए हैं। वह छह महीने से जेल में थे। उनका रिलीज ऑर्डर करीब रात पौने आठ बजे जेल पहुंचा था। इसके बाद उनको तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया है।

आप समर्थकों की भारी भीड़ ने उनका स्वागत किया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के एक दिन बाद उनकी रिहाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि शराब लाइसेंस आवंटित करने के लिए आप द्वारा कथित तौर पर रिश्वत के रूप में प्राप्त धन का कोई ट्रेल नहीं मिला है।

जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर आते ही आप सांसद संजय सिंह ने कहा, 'जश्न मनाने का वक्त नहीं आया है, संघर्ष का वक्त है... हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता अरविंद केजरीवाल, सत्येन्द्र जैन और मनीष सिसौदिया को हिरासत में रखा गया है' सलाखों के पीछे। मुझे विश्वास है कि जेल के ताले टूटेंगे और वे बाहर आएंगे...।' 

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को संजय सिंह को निर्देश दिया कि वह दिल्ली शराब नीति मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करें या गवाहों को प्रभावित न करें। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने संजय सिंह को तिहाड़ केंद्रीय जेल से रिहा करने का आदेश दिया।

जज ने आप नेता को पासपोर्ट जमा करने, एनसीआर छोड़ने से पहले यात्रा कार्यक्रम के बारे में बताने और अपना फोन लोकेशन हमेशा चालू रखने का भी निर्देश दिया। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, संजय सिंह के वकील ने अदालत को बताया कि आप नेता की पत्नी इस मामले में आरोपी की जमानतदार होंगी।

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क़मर वहीद नक़वी
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