दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद बुधवार को हुई आम आदमी पार्टी की बैठक में पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। अरविंद केजरीवाल 16 फ़रवरी को रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। 70 सदस्यों वाली दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी को इस बार 62 सीटों पर जीत मिली है जबकि बीजेपी को सिर्फ़ 8 सीटें ही मिली हैं। कांग्रेस का इस बार भी खाता नहीं खुल सका है। आप को 53.57 फ़ीसदी, बीजेपी को 38.51 और कांग्रेस को सिर्फ़ 4.26 फ़ीसदी वोट मिले हैं।
कैबिनेट को लेकर माथापच्ची
बताया जा रहा है कि केजरीवाल के साथ कैबिनेट के बाक़ी मंत्री भी शपथ लेंगे। कैबिनेट में केजरीवाल के अलावा 6 और विधायक मंत्री बन सकते हैं। पुरानी सरकार के सभी मंत्री चुनाव जीत गए हैं। ऐसे में केजरीवाल के लिये नया मंत्रिमंडल चुनना आसान नहीं होगा। लोकसभा चुनाव लड़ चुके तीन नेता राघव चड्ढा, आतिशी और दिलीप पांडे विधायक बन चुके हैं। तीनों ही पार्टी के बड़े चेहरों में शुमार किये जाते हैं और माना यह जा रहा है कि इन तीनों को ही कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। लेकिन ऐसे में पिछली कैबिनेट से तीन मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाना होगा, जो केजरीवाल के लिये आसान नहीं होगा।
मुसलिम समुदाय ने चुनाव में आम आदमी पार्टी को झोली भरकर वोट दिये हैं। पिछली बार भी केजरीवाल सरकार में मुसलिम समुदाय को प्रतिनिधित्व मिला था। पहले असीम अहमद ख़ान और बाद में इमरान हुसैन को सरकार में मंत्री बनाया गया था। ऐसी स्थिति में इस बार भी केजरीवाल को एक मुसलिम विधायक को तो मंत्री बनाना ही होगा। दिल्ली में सिखों, पंजाबियों, वैश्यों, जाट, गुर्जर, पूर्वांचली समुदाय की बड़ी आबादी है। ऐसे में केजरीवाल को सामंजस्य बैठाते हुए मंत्रिमंडल का गठन करना होगा जिससे कोई भी वर्ग नाराज न हो। देखना होगा कि वह कैसे संतुलन बिठा पाते हैं।
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