केजरीवाल सरकार और एलजी कार्यालय के बीच तनातनी के बाद आख़िरकार दिल्ली में मुफ्त बिजली वाली फाइल को एलजी वीके सक्सेना ने मंजूरी दे दी है। इसका मतलब है कि बिजली सब्सिडी अब पहले की तरह ही जारी रहेगी। इससे पहले आज दिन में दिल्ली सरकार ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में क़रीब 46 लाख लोगों की बिजली सब्सिडी शुक्रवार से खत्म हो जाएगी। इसने कहा था कि ऐसा इसलिए होगी क्योंकि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अभी तक उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने की फाइल को मंजूरी नहीं दी। केजरीवाल की मंत्री के इन आरोपों को उपराज्यपाल ने निराधार बताया था।
जब मंजूरी नहीं मिली थी तो दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि हम 46 लाख लोगों को जो सब्सिडी देते हैं, वह आज से बंद हो जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया था कि एलजी के दस्तख़त नहीं होने की वजह से सोमवार से लोगों को बिना सब्सिडी के बढ़े हुए बिल मिलेंगे। दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली मुफ़्त होती है। इसके बाद भी लोगों को सब्सिडी दी जाती है। आम आदमी पार्टी ने इस पूरे मामले के लिए उपराज्यपाल को ज़िम्मेदार ठहराया।
दिल्ली के 46 लाख परिवारों को कल से नहीं मिलेगी FREE बिजली। Bijli Subsidy का बजट विधानसभा से पास, लेकिन कैबिनेट निर्णय की File LG ने रोकी । - Power Minister @AtishiAAP LIVE https://t.co/hhlOTINnrn
— AAP (@AamAadmiParty) April 14, 2023
आतिशी ने आरोप लगाया था, 'यह सब्सिडी रोक दी गई है क्योंकि आप सरकार ने आने वाले साल के लिए सब्सिडी जारी रखने का फैसला किया है, लेकिन वह फाइल दिल्ली एलजी के पास है और अभी तक वापस नहीं आई है।'
उन्होंने दावा किया कि एलजी सक्सेना के साथ बिजली सब्सिडी पर चर्चा करने के लिए पांच मिनट का समय मांगा था, लेकिन अब 24 घंटे से अधिक समय में उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। मंत्री ने कहा था, '46 लाख परिवारों, किसानों, वकीलों और 1984 दंगा पीड़ितों को फ्री बिजली मिलनी बंद हो जाएगी। Tata, BSES ने चिट्ठी लिखी—उनके पास सब्सिडी की सूचना नहीं आई तो वो बिलिंग शुरू करेंगे।'
आरोपों को निराधार बताते हुए सक्सेना के कार्यालय ने आतिशी को गैर-ज़रूरी राजनीति और निराधार आरोपों से बचने की सलाह दी थी। मंजूरी देने से पहले उपराज्यपाल ने पूछा था कि निर्णय को 4 अप्रैल तक लंबित क्यों रखा गया, जिसकी समय सीमा 15 अप्रैल थी, और फाइल उन्हें 11 अप्रैल को ही क्यों भेजी गई थी।
एलजी ने कहा था कि 'उन्हें झूठे बयानों से लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए ... 13 अप्रैल को पत्र लिखकर और आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नाटक करने की क्या जरूरत है?'
पिछले साल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि बिजली सब्सिडी केवल उन उपभोक्ताओं को दी जाएगी जो इसके लिए आवेदन करेंगे। आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, 58 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं में से 48 लाख से अधिक ने बिजली सब्सिडी के लिए आवेदन किया है। आप सरकार ने 2023-24 के अपने बजट में बिजली सब्सिडी के लिए 3,250 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
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