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दिल्ली: हंगामे की वजह से नहीं हो सका मेयर का चुनाव, सदन स्थगित

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव हंगामे की वजह से टल गया। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के द्वारा मनोनीत पार्षदों को पहले शपथ दिलाए जाने के मुद्दे पर सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ और बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षद भिड़ गए। इस दौरान दोनों दलों ने उनके पार्षदों की पिटाई का आरोप लगाया। 

आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने वंदे मातरम, केजरीवाल जिंदाबाद के नारे लगाए तो बीजेपी के पार्षदों ने जय श्री राम का उद्घोष किया। सदन में काफी देर तक चले हंगामे के बाद सदन को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया। 

अब मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए नई तारीख घोषित की जाएगी। 

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आम आदमी पार्टी ने कहा है कि नियमों व परंपरा के मुताबिक, मनोनीत पार्षदों की शपथ बाद में होती है और निर्वाचित पार्षदों की शपथ पहले होती है। लेकिन बीजेपी मनोनीत पार्षदों की शपथ पहले इसलिए करवाना चाहती है क्योंकि वह उन्हें मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में वोटिंग का अधिकार दिलवाना चाहती है। 

मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच जोरदार मुकाबला है। दोनों ही पार्टियों ने चुनाव जीतने के लिए सियासी किलेबंदी की है। 

आम आदमी पार्टी ने मेयर के पद के लिए शैली ओबेरॉय और डिप्टी मेयर के पद पर आले मोहम्मद इकबाल को मैदान में उतारा है। जबकि बीजेपी ने मेयर के पद पर रेखा गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है और डिप्टी मेयर की सीट पर कमल बागड़ी को उतारा है। 

आम आदमी पार्टी ने आशु ठाकुर को मेयर और जलज कुमार को डिप्टी मेयर के पद पर बैकअप कैंडिडेट के तौर पर चुनाव मैदान में उतारा है। 

AAP BJP fight in MCD mayor election 2023 - Satya Hindi
बीजेपी की मेयर उम्मीदवार रेखा गुप्ता।

बीजेपी ने इस चुनाव में यू-टर्न लिया था क्योंकि एमसीडी के नतीजों के बाद उसने कहा था कि चूंकि बहुमत आम आदमी पार्टी के पास है इसलिए मेयर भी आम आदमी पार्टी का बनेगा और बीजेपी विपक्ष की भूमिका में रहेगी। 

लेकिन नामांकन के अंतिम दिन यानी 27 दिसंबर को उसने अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर लोगों को चौंका दिया था। 

AAP BJP fight in MCD mayor election 2023 - Satya Hindi
आम आदमी पार्टी की मेयर उम्मीदवार शैली ओबेरॉय।

पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति पर विवाद 

इस बीच, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के द्वारा बीजेपी की पार्षद सत्या शर्मा को एमसीडी के मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी बनाने पर विवाद खड़ा हो गया है। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि यह परंपरा रही है कि सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर या पीठासीन अधिकारी चुना जाता है लेकिन बीजेपी सभी लोकतांत्रिक परंपराओं और संस्थानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है।

दिल्ली सरकार ने पीठासीन अधिकारी के लिए आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल के नाम की सिफारिश की थी। अब आम आदमी पार्टी ने मुकेश गोयल को एमसीडी में पार्टी का नेता नियुक्त किया है। मुकेश गोयल आदर्श नगर वार्ड 15 से एमसीडी पार्षद का चुनाव जीते हैं और एमसीडी में सबसे वरिष्ठ पार्षद हैं। 

एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134, बीजेपी को 104 और कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत मिली थी और 15 साल से एमसीडी की सत्ता में बैठी बीजेपी की विदाई हो गई थी।

क्रॉस वोटिंग का डर

एमसीडी में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव इसलिए रोमांचक है क्योंकि आम आदमी पार्टी के पास बहुमत के लिए जरूरी 126 पार्षदों से सिर्फ कुछ ही ज्यादा पार्षद हैं। ऐसे में अगर बड़े पैमाने पर क्रॉस वोटिंग हुई तो समीकरण बिगड़ भी सकते हैं।

मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में राजनीतिक दलों को सबसे बड़ा डर क्रॉस वोटिंग का होता है क्योंकि इसमें पार्षदों पर दलबदल कानून लागू नहीं होता और राजनीतिक दल अपने पार्षदों के लिए व्हिप भी जारी नहीं कर सकते। ऐसे में पार्षद क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। एमसीडी चुनाव के नतीजे आने के बाद बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने एक-दूसरे पर उनके पार्षदों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। 

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मतदान सीक्रेट बैलेट के जरिये होता है। कोई भी पार्षद अपनी पसंद के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर सकता है। क्योंकि इस चुनाव में दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं होता है इसलिए यह पता नहीं लगाया जा सकता कि किस पार्षद ने किसे वोट दिया है। 

ये डालेंगे वोट 

मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में एमसीडी के 250 पार्षदों के साथ ही दिल्ली विधानसभा के 14 विधायक और दिल्ली में लोकसभा और राज्यसभा के 10 सांसद भी वोट डालेंगे। जबकि एमसीडी में एलजी के द्वारा मनोनीत पार्षदों को चुनाव में वोट डालने का अधिकार नहीं है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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