कोरोना वायरस से उबरने के बाद तब्लीग़ी जमात के 350 सदस्य प्लाज़्मा देने के लिए राजी हो गए हैं। इन लोगों ने मार्च में दिल्ली के मरकज़ निज़ामुद्दीन में हुए जमात के धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और इसके बाद कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। अब ये सभी लोग ठीक हो गए हैं।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक़, सुल्तानपुरी और नरेला के क्वरेंटीन सेंटर्स में रह रहे जमाती प्लाज़्मा देने के लिए आगे आए हैं। अभी तक जमात से जुड़े 25 लोग प्लाज़्मा दे चुके हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इन लोगों से मुलाक़ात की है।
इनमें से 40 साल के फराह बशर भी हैं। तमिलनाडु के रहने वाले बशर ने कहा, ‘मैंने प्लाज़्मा मानवता और दूसरों की जिंदगियों को बचाने के लिए दिया है। मेरी तरह दूसरे लोग जो कोरोना से ठीक हो चुके हैं, वे भी प्लाज़्मा देने के लिए आगे आ रहे हैं।’
मरकज़ से बाहर निकाले गए 2300 से ज़्यादा लोगों में से 1080 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इनमें से कई लोग अब ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा रहा है।
कुछ दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि प्लाज़्मा थेरेपी के अच्छे परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा था कि पिछले कुछ दिनों में डॉक्टर्स ने 4 मरीजों पर प्लाज़्मा थेरेपी का ट्रायल करके देखा और इसके परिणाम अच्छे रहे। दिल्ली सरकार के आईएलबीएस अस्पताल के डॉक्टर सरीन ने भी कहा था कि जो लोग कोरोना से उबर चुके हैं, वे प्लाज़्मा देने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा था कि अगर लोग प्लाज़्मा देने के लिए आगे आते हैं तो हो सकता है कि इससे ज़्यादा मरीज ठीक हो जाएं।
डॉक्टर सरीन ने कहा था कि प्लाज़्मा थेरेपी बाक़ी दवाइयों से सस्ती है। प्लाज़्मा देने के लिए आपकी उम्र 18 से 60 साल तक के बीच होनी चाहिए और आपको डायबिटीज या ब्लड प्रेशर की शिकायत नहीं होनी चाहिए, साथ ही आपका कोरोना टेस्ट नेगेटिव होना चाहिए।
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