loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
51
एनडीए
29
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
225
एमवीए
52
अन्य
11

चुनाव में दिग्गज

गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर

पीछे

चंपाई सोरेन
बीजेपी - सरायकेला

आगे

पठान विवाद: पहले भी फिल्मों के बहिष्कार हुए, क्या फर्क पड़ा?

शाहरुख़ ख़ान की फ़िल्म पठान पर विवाद हुआ था। सोशल मीडिया पर इस फिल्म के बहिष्कार के लिए ट्रेंड कराया गया। दक्षिणपंथी विचार वाले नेता से लेकर मंत्री तक ने इसका विरोध किया था। तो आखिर इस विरोध का क्या असर हुआ?

इस सवाल का जवाब तो पहले की कई फिल्मों के बहिष्कार के असर से भी मिल सकता है। पहले की फ़िल्मों के बहिष्कार और इसका क्या असर हुआ है, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर शाहरुख की फ़िल्म पठान का बहिष्कार क्यों किया गया।

ताज़ा ख़बरें

दरअसल, हाल ही में पठान के टीज़र में इसका पहला गाना 'बेशरम रंग...' रिलीज किया गया। इसमें शाहरूख ख़ान और दीपिका पादुकोण ने बेहद बोल्ड सीन दिए हैं। इसको लेकर और अभिनेताओं की वेशभूषा को लेकर विरोध किया गया। सोशल मीडिया पर लोगों ने गाने में शाहरुख और दीपिका पादुकोण के हरे और केसरिया परिधान पर आपत्ति जताई। कुछ लोगों ने शाहरुख की आने वाली फिल्म के बहिष्कार का आह्वान करते हुए उनके पुराने वीडियो भी निकाले। विरोध करने वालों में मंत्री तक शामिल थे।

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने चेतावनी दी थी, ‘पठान फ़िल्म के गाने में अभिनेत्री की वेशभूषा और दृश्यों को ठीक करें, नहीं तो फिल्म को प्रदेश में अनुमति दी जाए अथवा नहीं, इस पर फैसला किया जाएगा।’

जिस तरह का विरोध पठान को लेकर किया गया, कुछ उसी तरह का विरोध फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' को लेकर किया जा रहा था। दिक्कत सिर्फ यह थी कि यह बॉलीवुड की फिल्म है, जिसे करण जौहर ने प्रोड्यूस किया है। लोगों का गुस्सा बॉलीवुड और करण जौहर के खिलाफ बहुत ज़्यादा है। 
कुछ लोग आपत्ति जताते रहे हैं कि सिनेमा में अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर हिंदू धर्म की हमेशा नकारात्मक छवि पेश की गई है। हालाँकि बहिष्कार करने वाले हर बार नयी-नयी वजहें बताते हैं।

फ़िल्म 'ब्रह्मास्त्र' को बायकॉट करने के लिए रणबीर कपूर का 11 साल पहले दिया गया एक बयान सामने लाया गया जिसमें रणबीर ने खुद को बिग बीफ़ बॉय कहा था। वहीं, आलिया ने भी एक इंटरव्यू में अंहकारी अंदाज में कहा था कि यदि लोग उन्हें पसंद नहीं करते तो न देखें। वैसे दोनों अभिनेता नेपोटिज़्म को लेकर निशाने पर भी रहे। ब्रह्मास्त्र का बहिष्कार करने के पीछे सोशल मीडिया पर इन्हीं वजहों को बताया गया।

shahrukh khan pathaan boycott bollywood film controversy - Satya Hindi

तो अब सवाल है कि आख़िर 'ब्रह्मास्त्र' के बहिष्कार का फ़िल्म पर किस तरह का असर पड़ा? इस सवाल का जवाब सटीक तौर पर तो नहीं दिया जा सकता है, लेकिन इसके प्रदर्शन से अंदाज़ा लगाया जा सकता है। 

डायरेक्‍टर अयान मुखर्जी की फिल्‍म 'ब्रह्मास्‍त्र' ने रिलीज के 25 दिन में 410 करोड़ रुपये कमा लिए थे। सिर्फ़ देश में ही फिल्‍म की कुल कमाई 26 दिनों में 263.10 करोड़ रुपये हो गई थी।

'शमशेरा' 

रणबीर कपूर की ही एक और फिल्म 'शमशेरा' फ्लॉप हो गई थी। हालाँकि, इस फिल्म के लीड एक्टर रणबीर कपूर फिल्म के कंटेंट को ज्यादा जिम्मेदार मानते हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'यदि आप अच्छी फिल्म, अच्छा कंटेंट देते हैं, जिससे कि लोग एंटरटेन होते हैं, तो वो सिनेमाघरों तक फिल्म देखने जरूर जाते हैं।'

रणबीर कपूर ने कहा था, 'यदि शमशेरा बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली, तो इसका मतलब है कि लोगों को ये पसंद नहीं आई। क्योंकि रिलीज से पहले फिल्म को लेकर मुझे कोई नेगेटिविटी नहीं नजर आई थी। इसके बावजूद शमशेरा बॉक्स-ऑफिस पर नहीं पसंद की गई। यदि आपकी फिल्म नहीं चलती है तो इसके पीछे सिर्फ एक कारण है कि फिल्म का कंटेंट अच्छा नहीं है। इसके अलावा दूसरा कारण नहीं समझ आता।'

shahrukh khan pathaan boycott bollywood film controversy - Satya Hindi

'छपाक' क्यों नहीं चली?

दीपिका पादुकोण की फ़िल्म छपाक भी नहीं चल पाई थी। जेएनयू में हिंसा के विरोध में कन्हैया कुमार के साथ जेएनयू पहुंचीं दीपिका पादुकोण बीजेपी नेताओं और उनके समर्थकों के निशाने पर आ गई थीं। इसके साथ ही ट्विटर पर छपाक का बहिष्कार किया जाने लगा था। 

यह फ़िल्म बुरी तरह फ्लॉप तो नहीं हुई थी, लेकिन अच्छा भी नहीं कर पाई थी। इसके साथ रिलीज हुई 'तानाजीः द अनसंग वॉरियर' ने अच्छी कमाई की थी। इसने जहाँ तीसरे हफ्ते में 200 करोड़ से ज़्यादा की कमाई कर ली थी वहीं छपाक तीन हफ़्ते में 50 करोड़ रुपये भी कमाई नहीं कर पाई थी। कुछ लोग दोनों फिल्मों के साथ रिलीज होने को भी छपाक के लिए नुक़सान की वजह मानते हैं।

सिनेमा से और ख़बरें

जिन फिल्मों का बहिष्कार नहीं, उनका कैसा प्रदर्शन?

बॉलीवुड अभिनेता और दक्षिणपंथी विचार वाले लोगों के चहेते अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म सम्राट पृथ्वीराज काफ़ी चर्चा में रही थी। कहा जा रहा था कि उनकी फ़िल्म जबरदस्त चलेगी, लेकिन वैसा नहीं हुआ। 15 दिन बाद यह फिल्म 70 करोड़ रुपये भी नहीं कमा पाई थी, जबकि इस फ़िल्म को बनाने में ही 200 करोड़ रुपये से ज़्यादा ख़र्च हुए थे। 

shahrukh khan pathaan boycott bollywood film controversy - Satya Hindi

अक्षय कुमार की ही एक अन्य फ़िल्म 'रक्षाबंधन' बॉक्सऑफिस पर फ्लॉप हुई थी। 10 दिन में यह फ़िल्म क़रीब 42 करोड़ रुपये ही कमाई कर पाई थी जबकि इसको बनाने में खर्च ही 70 करोड़ रुपये हुए थे। 

shahrukh khan pathaan boycott bollywood film controversy - Satya Hindi

दक्षिणपंथी विचार वाली अभिनेत्री कंगना रनौत की धाकड़ भी औंधे मुंह गिरी थी। क़रीब 100 करोड़ रुपए के बजट में बनी यह फिल्म 8 दिन में सिर्फ 5 करोड़ रुपए ही कमा पाई थी। यह फिल्म इसलिए भी चर्चा में रही थी कि रिलीज के 8वें दिन भारत में फिल्म के सिर्फ 20 टिकट ही बिके थे, जिससे 'धाकड़' की कमाई सिर्फ 4,420 रुपए ही हुई थी। 'धाकड़' कंगना के करियर की सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्मों में से एक है। 

वैसे इन आँकड़ों से कुछ भी संकेत मिलता हो लेकिन सचाई यह है कि बहिष्कार से नुक़सान भी हुआ है। बहिष्कार के चलते कई मेगा बजट फिल्में ठंडे बस्ते में डाल दी गईं। कई फिल्मों की शूटिंग रोक दी गई है, तो कई का रिलीज डेट आगे बढ़ाने पर विचार करने पर मजबूर हुए हैं। वैसे, फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई लोग मानते हैं कि कंटेंट ठीक हो तो बहिष्कार का असर नहीं होता। ज़रूरत इस बात की बताई जा रही है कि बॉलीवुड में बहुत बड़ा बदलाव आए। इसके कंटेंट से लेकर क्रिएशन तक में बदलाव किए जाने की वकालत की जा रही है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

सिनेमा से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें