क्या तांडव में हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान किया गया है और इस तरह बहुसंख्यक हिन्दू समाज की भावनाओं को ठेस पहुँचााई है?
वेब सिरीज़ 'तांडव' पर विवाद इतना बढ़ गया है कि इसके निर्माता-निर्देशक और कलाकारों की ओर से माफ़ी माँगने के बाद भी मामला शांत नहीं हो रहा है। इस पर आरोप लग रहा है कि इसने हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान किया है और इस तरह बहुसंख्यक हिन्दू समाज की भावनाओं को ठेस पहुँचााई है।
क्या है मामला और इस वेब सिरीज़ में ऐसा क्या है कि हिन्दुओं की भावनाएं आहत हुई हैं? इसके दो दृश्यों पर लोगों को आपत्तियाँ हैं।
मुहम्मद जीशान अयूब ने जो भूमिका निभाई है, वह एक छात्र नेता की है जो कॉलेज के नाटक में शिव की भूमिका निभाता है। लेकिन नाटक में शिव को पारंपरिक हिन्दू देवता के रूप में नहीं दिखाया गया है। यह कलाकार सूट पहनता है, बाएं हाथ में त्रिशूल रखता है और चेहरे व गले पर नीले रंग का पेंट लगाए हुए है।
भगवान शिव सोशल मीडिया पर भगवान राम की तुलना में अपनी घटती लोकप्रियता पर चिंता जताते हैं और पूछते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए। इस पर श्रषि नारद उन्हें सलाह देते हैं कि उन्हें कुछ सनसनीखेज ट्वीट कर देना चाहिए। वे यह भी कहते हैं कि विश्वविद्यालय में छात्र आज़ादी-आज़ादी के नारे लगा रहे हैं।
आपत्ति क्यों?
इस दृष्य में यह भी कहा जाता है कि ये छात्र ग़रीबी, सामंतवाद और जाति- आधारित भेदभाव से आज़ादी चाहते हैं, पर उन्हें ग़लत समझा जा रहा है। भगवान शिव इस पर कहते हैं, "मतलब देश से आज़ादी नहीं चाहिए, देश में रहते हुए आज़ादी चाहिए।"
लोगों को एक दूसरे दृश्य पर भी आपत्ति है, जिसमें संध्या (संध्या मृदुल) और उनके पति कैलाश कुमार (अनूप सोनी) हैं। कैलाश कुमार संध्या के प्रेमी और उसके होने वाले बच्चे के पिता हैं। संध्या कहती है कि उसके पूर्व पति ने उसे एक बार एक बेहूदा बात कही थी। वह अपने पति को उद्धृत करती है। उसके पति ने कहा था कि जब कोई दलित किसी ऊँची जाति की स्त्री से प्रेम करता है तो वह अपने साथ और अपने समुदाय के साथ वर्षों से हुए भेदभाव का बदला लेता है।
संध्या कहती है, "उसने कहा था कि जब कोई छोटी जाति का एक आदमी एक ऊँची जाति की औरत को डेट करता है, तो सिर्फ बदला लेने के लिए..सदियों के अत्याचारों का ...उस एक औरत से।"
बीजेपी नेताओं का विरोध
संध्या इस बात पर गुस्सा है कि कैलाश ने उससे संबंध बनाने से पहले अपनी पत्नी से तलाक़ लेने के बारे में उससे झूठ बोला था।
बीजेपी नेता और मुंबई के नज़दीक घाटकोपर के विधायक राम कदम शिव को पारंपरिक रूप से नहीं दिखाए जाने पर आपत्ति करते हैं। वे कहते हैं, पहली कड़ी के 17वें मिनट में बहुत ही ग़लत तरीके से कपड़े पहने हुआ व्यक्ति हिन्दू देवी-देवताओं को ग़लत रूप से पेश करता है...इससे हिन्दुओं की भावनाएं आहत हुई हैं।
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा है कि तांडव हमारे देवी-देवताओं के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाता है और आतंकवादियों को हीरो बना कर पेश करता है। याद दिला दें कि कपिल मिश्रा वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने शाहीन बाग आन्दोलन को ख़त्म कराने की माँग दिल्ली पुलिस से करते हुए पुलिस अधिकारी को चेतावनी दी थी कि यदि वह और उसके लोग इस इलाक़े को खाली कराने सड़क पर उतर जाएंगे और तब उन्हें पुलिस भी नहीं रोक पाएगी। इसके बाद ही उस इलाक़े में दंगा शुरू हो गया गया था।
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