फिल्मों में बिहार को पेश करने का नजरिया आज भी नहीं बदला। ये भी कह सकते हैं कि डायरेक्टर अपना नजरिया बदलने को तैयार नहीं। मनोज वाजपेयी की इस फिल्म में कुछ भी नया नहीं है। इसलिए डॉ प्रकाश हिन्दुस्तानी की पूरी समीक्षा पढ़कर अपना निचोड़ निकाल लीजिए।
आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में एक दिव्यांग लड़के का जन्म हुआ और उसके पिता ने प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेटर के नाम पर उसका नाम 'श्रीकांत' रखा। लेकिन यह फिल्म श्रीकांत बोल्ला की वास्तविक जीवन की कहानी पर आधारित है। जाने-माने फिल्म समीक्षक डॉ प्रकाश हिन्दुस्तानी को यह फिल्म क्यों नहीं पसंद आई, आप भी जानिएः
हिटलर के प्रचार मंत्री गोएबल्स ने भी फिल्मों का उपयोग किया था। इसके नतीज़े बेहद ख़राब रहे थे। क्या फिल्मों का इस्तेमाल अब प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए किया जा रहा है? पढ़िए, रजाकार फिल्म की समीक्षा।
अमर सिंह चमकीला एक बायोपिक है। चमकीला ने दो शादियां की थीं। उन्होंने दूसरी शादी की तो अपनी पहली पत्नी के बारे में दूसरी को नहीं बताया था। चमकीला को समाज कैसे देखता है? पढ़िए फिल्म की समीक्षा।
इस हफ्ते आई दो फिल्मों - दो और दो प्यार, एलएसडी 2 को अगर आपने अभी तक नहीं देखा है तो देश के जाने-माने फिल्म समीक्षक डॉ प्रकाश हिन्दुस्तानी की समीक्षा पढ़कर ही फिल्म देखिए।
अमर सिंह चमकीला एक बायोपिक है। चमकीला ने दो शादियां की थीं। उन्होंने दूसरी शादी की तो अपनी पहली पत्नी के बारे में दूसरी को नहीं बताया था। पढ़िए फिल्म की समीक्षा।
आज़ादी के बाद 1952 से 1962 तक भारत के फुटबॉल खिलाड़ी एशियन गेम्स और ओलम्पिक में बिना जूतों के कैसे खेलते और घायल होते रहे, फुटबॉल फेडरेशन की राजनीति कैसी होती थी, इसको 'मैदान' फिल्म में समझा जा सकता है।
संदीप रेड्डी वांगा निर्देशित फिल्म 'एनिमल' शुक्रवार को देश भर के थियेटरों में रिलिज हो गई। यह फिल्म पिता-पुत्र के प्रेम को दिखाती है। फिल्म के हीरो रणबीर कपूर इसमें जमकर मारधाड़ और हिंसक सीन करते दिखते हैं।