हॉटस्टार पर हाल ही में शानदार सीरीज़ रिलीज हुई है जिसका नाम है स्पेशल ऑप्स। इसका डायरेक्शन नीरज पांडे ने किया है, जो कि स्पेशल 26, बेबी जैसी कई फ़िल्में बना चुके हैं।
लॉकडाउन के कारण घर में बैठे-बैठे यदि आप ऊब गए हैं तो फ़िल्में देख सकते हैं। लॉकडाउन के दौरान सभी सिनेमा हॉल भी बंद हैं इसलिए घर बैठे-बैठे आप अपने फ़ोन में आराम से अच्छी फ़िल्में देख सकते हैं।
लॉकडाउन के दौरान किसी न किसी वक़्त आप बोर फील कर रहे होंगे तो ऐसे में आप कुछ अच्छी सीरीज़ देख सकते हैं। ये सभी सीरीज़ आपको आपके मोबाइल ऐप नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम और हॉटस्टार पर आसानी से मिल जाएँगी।
आज कल बनने वाली लगभग हर सीरीज़ फ़िल्मों को सीधा टक्कर दे रही है और उसी में से एक आई है सस्पेंस और थ्रिलर से भरी सीरीज़ असुर। इसका डायरेक्शन ओनी सेन ने किया है।
सैकड़ों दिलों में उन्होंने प्यार का जज्बा जगाया लेकिन अपने प्यार का इज़हार वह कर ही नहीं पायीं। दूसरी बार प्यार जागा तो उसे हासिल करने में 10 साल से ज़्यादा का समय लग गया।
हाल ही में नेटफ्लिक्स पर 'शी' नाम की एक सीरीज़ रिलीज़ हुई है और जिसकी कहानी डायरेक्टर इम्तियाज़ अली ने लिखी है। इस सीरीज़ का डायरेक्शन आरिफ़ अली ने किया है।
र्तमान पारिवारिक ढाँचे में तीन हज़ार साल से कोई बदलाव नहीं आया तो अब क्या आएगा? नसों में जो ग़ुलामी उतार दी गई है, उसे कैसे बाहर निकालेंगे? थप्पड़ एक फ़िल्म नहीं, स्त्री के स्वाभिमान का लहूलुहान चेहरा है।
‘देवी’ हमारे देश में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया जाता है तो उसी देश में हर दिन कई महिलाओं या लड़कियों के साथ बलात्कार या छेड़छाड़ जैसे कई मामले दर्ज होते हैं। इसी को लेकर एक शॉर्ट फ़िल्म आई है ‘देवी’।
बस एक ‘थप्पड़’ ही तो था, इतना तो चलता है। इसी बात का मुँहतोड़ जवाब है डायरेक्टर अनुभव सिन्हा की फ़िल्म ‘थप्पड़’। फ़िल्म को अनुभव सिन्हा और मृणमयी लागू द्वारा लिखा गया है।
भारतीय समाज में पति का पत्नी को थप्पड़ मार देना मामूली घटना समझी जाती है। अगर महिला इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाये तो रिश्तेदार, मायके वाले तक उसका साथ नहीं देते।
'ताजमहल 1989' सीरीज़ डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नेटफ्लिक्स पर 14 फ़रवरी को रिलीज़ की गई है। ताजमहल को शाहजहाँ ने अपनी बेग़म मुमताज की याद में बनवाया था और हमेशा से हम सभी ने इसे प्यार के प्रतीक के रूप में ही जाना है।
रिलीज से पहले जहाँ फ़िल्म फ़िल्म ‘शिकारा’ पर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट तक विवाद पहुँच गया था वहीं अब रिलीज के बाद कश्मीरी पंडित ही इस फ़िल्म से नाराज़ हैं।
डायरेक्टर व प्रोड्यूसर विधु विनोद चोपड़ा दर्शकों के लिए बेहद ही संवेदनशील मसले पर एक फ़िल्म लेकर आये हैं, जिसका नाम ‘शिकारा’ है। यह फ़िल्म 30 साल पहले कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार को दर्शाती है।
फ़िल्म का नाम ‘गुल मकई’ है और इसे डायरेक्टर एच.ई. अमजद ने डायरेक्ट किया है। डायरेक्टर अमजद की यह दूसरी फ़िल्म है और इसमें उन्होंने पाकिस्तान की सामाजिक कार्यकर्ता मलाला युसुफजई के संघर्ष भरे जीवन पर रोशनी डालने की कोशिश की है।