लोकसभा चुनाव से पहले सिनेमा हॉल में 'मोदी-मोदी' की गूँज सुनाई देगी। प्रधानमंत्री मोदी के किरदार से जुड़ी कम से कम चार फ़िल्में रिलीज़ होंगी। इन फ़िल्मों में मोदी को अलग-अलग रूपों में पेश किया गया है। किसी फ़िल्म में प्रधानमंत्री के तौर पर लीड हीरो के तौर पर तो दूसरी में गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर दिखाया गया है। किसी फ़िल्म में रणनीतिकार और चिंतक तो किसी में कड़े फ़ैसले लेने वाले के रूप में। यानी प्रधानमंत्री मोदी अलग-अलग रूप में बड़े पर्दे पर दिखेंगे।
अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल में मोदी ने कई कड़े फ़ैसले लिए हैं। इसमें नोटबंदी, जीएसटी से लेकर जनरल कैटेगरी के लिए 10 फ़ीसदी आरक्षण, सर्जिकल स्ट्राइक तक शामिल हैं। प्रधानमंत्री बनने से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी मोदी का कार्यकाल भी काफ़ी चर्चा में रहा था। फ़िलहाल मोदी जो फ़िल्में बनी हैं उनमें इन्हीं पक्षों को रखा गया है।
मोदी लुक पर ज़ोर
अभी हाल ही में विवेक ओबरॉय ने जानकारी दी कि वह फ़िल्म 'पीएम मोदी' में प्रधानमंत्री का किरदार निभा रहे हैं। सुरेश ओबरॉय के साथ फ़िल्म का निर्माण कर रहे संदीप सिंह कहते हैं कि विवेक को मोदी जैसा लुक देने में काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी। मीडिया से उन्होंने कहा कि विवेक को इस लुक के लिए 15 बार टेस्ट देना पड़ा और प्रत्येक टेस्ट में क़रीब सात घंटे लगे। यह पूरी प्रक्रिया क़रीब छह-सात महीना चली। बताया जा रहा है कि यह फ़िल्म मोदी के बड़े फ़ैसलों पर केंद्रित है। इसमें मोदी को गुजरात में सीएम रहने के दौरान मज़बूत नेता उभरने से लेकर एक अच्छे वक्ता के तौर पेश किया गया है।
चिंतक का किरदार
'उरी' नाम की फ़िल्म में मोदी को एक रणनीतिकार, चिंतक और दूरदर्शी के तौर पर दिखाया गया है। इसमें मोदी को अच्छे वक्ता वाले किरदार को ज़्यादा हाइलाइट नहीं किया गया है। मोदी का किरदार निभाने वाले रजीत कपूर कहते हैं कि मैं दरअसल मोदी जैसा नहीं दिखता, लेकिन हमने लुक पर काफ़ी मेहनत की है। उन्होंने कहा कि फ़िल्म में मोदी की महत्वपूर्ण निर्णय लेने की क्षमता को दिखाया गया है। इसमें उरी हमले में सैनिक कार्रवाई से लेकर पाकिस्तान में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को अंजाम देने तक जैसे मोदी के कड़े फ़ैसले लेने को दिखाया गया है।
और गुजराती में सीएम फ़ेस
मोदी पर एक गुजराती फ़िल्म बनी है। नाम है 'नमो सौने गामो'। इसमें मोदी के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के फ़ैसले पर फ़ोकस किया गया है। बता दें कि मोदी गुजरात में तीन बार मुख्यमंत्री रहे। मोदी का किरदार निभाने वाले लालजी देवरिया ख़ुद को 'मोदी भक्त' मानते हैं। वह कहते हैं कि पीएम का किरदार करने के लिए कई लोगों ने मुझसे संपर्क किया। फ़िल्म के निर्देशक कहते हैं कि फ़िल्म पाँच साल पहले ही तैयार हो गई थी, लेकिन 'राजनीतिक मुद्दों' की वजह से रिलीज़ नहीं की जा सकी थी।
'बटालियन 609'
चुनाव से पहले एक और फ़िल्म बटालियन 609 आ सकती है। इसमें मोदी का किरदार के. के. शुकला ने निभाया है। हालाँकि इसमें एक भारतीय सेना पर आधारित एक काल्पनिक कहानी है। इसमें प्रधानमंत्री को महत्वपूर्ण फ़ैसले लेते हुए दिखाया गया है।
एक फ़िल्म का नाम तय नहीं
प्रधानमंत्री मोदी पर एक और फ़िल्म बन रही है। हालाँकि इसका न तो नाम तय हुआ है और न ही रिलीज़ की तारीख़। इसमें मोदी का किरदार परेश रावल करेंगे। परेश रावल ने ही सबसे पहले मोदी पर एक बायोपिक बनाने की घोषणा की थी। वह कहते हैं कि उनसे बेहतर मोदी का किरदार कोई नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि स्क्रिप्ट लिखी जा रही है और इसपर ज़्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती है।
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